नई दिल्ली । अब जल्द ही 24 कैरेट गोल्ड के आभूषणों की हॉलमार्किंग होने लगेगी। सरकार की ओर से यह फैसला निवेशकों और आम खरीदारों दोनों के लिहाज से बेहतर कहा जा सकता है। पहले यह तकनीक भारत में संभव नहीं थी, लेकिन बदलती तकनीक के कारण अब यह संभव हैं।
हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको एक्सपर्ट के जरिए समझाने की कोशिश करेंगे कि 24 कैरेट गोल्ड को मानक बनाना किस लिहाज से आपके लिए फायदेमंद है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट:
केडिया कमोडिटी के प्रबंध निदेशक अजय केडिया ने बताया कि 24 कैरेट की गोल्ड ज्वैलरी के लिए हॉलमार्किंग के मानक तैयार करना एक सकारात्मक कदम है। यह काफी हद तक मालप्रैक्टिसेज (सोने की अवैध खरीद-फरोख्त) को रोकने का काम करेगा।
अभी तक इन पर बीआईएस मानक न होने के कारण आभूषण निर्माता आपको इसे किसी भी दाम पर बेच सकते थे, क्योंकि उन्हें सिर्फ सेलिंग से मतलब होता है। लेकिन मानक बन जाने के कारण इसे एक वाजिब दाम पर ही बेचा जा सकेगा।
वहीं खरीदारों और निवेशकों दोनों के लिए यह काफी बेहतर माना जा रहा है, क्योंकि निवेशक जिस सोने में निवेश करेगा और खरीदार जो सोना खरीदेगा उसमें शुद्धता की पूरी गारंटी होगी।
क्या है सरकार की तैयारी: भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) 24 कैरेट सोने से बने गहनों की हालमार्किंग (गुणवत्ता प्रमाणन) के लिए मानक तैयार करेगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि नए मानक तैयार करने के लिए बीआइएस को निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र सरकार जल्द ही सोने की हालमार्किंग अनिवार्य कर देगी। पासवान भारतीय मानक ब्यूरो कानून 2016 के लागू होने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब थे। यह कानून इस साल 12 अक्टूबर से अमल में आया है।
भारतीय मानक ब्यूरो की महानिदेशक सुरीना राजन ने कहा कि बीआइएस यह तय करने के लिए वैज्ञानिक विश्लेषण करेगा कि क्या 24 कैरेट सोने के लिए मानक बनाना संभव है। देश में चार लाख से ज्यादा ज्वैलर हैं। अभी उनके लिए जितनी भी टेस्टिंग लैब चलाई जा रही हैं, वे सभी निजी क्षेत्र में हैं। इनकी संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है
क्या है मौजूदा व्यवस्था: फिलहाल भारतीय मानक ब्यूरो 14,18 और 22 कैरेट सोने से बने आभूषणों की ही हालमार्किंग करता है। पहले 24 कैरेट सोने से आभूषण बनाना मुमकिन नहीं था। अब यह संभव हो गया है कि इसलिए इस श्रेणी की हालमार्किंग भी जरूरी हो गई है।
क्या होती है हॉलमार्किंग: सोने की शुद्धता का पहला पैमाना हॉलमार्क का निशान है। इसलिए सोना खरीदते समय हॉलमार्क के निशान वाली ज्वैलरी ही खरीदें। यह मार्क सरकारी गारंटी है। इसका निर्धारण भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) करती है।
हॉलमार्किंग योजना भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत गोल्ड संचालन, नियम और विनियम का काम करती है। हालमार्क वाली ज्वैलरी पर निशान के साथ और कुछ अंक जैसे 999, 916, 875 लिखे होते हैं। आपको बता दें कि इन्ही अंको से आपके अपने सोने की शुद्धता जांच सकते हैं।
यदि हालमार्क के निशान के साथ 999 नंबर लिखा है तो आपके सोने की ज्वैलरी 24 कैरेट की है। 999 अंक का मतलब यह है कि इसमें सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी है। इसी तरह 23 कैरेट सोने पर 958, 22 कैरेट सोने पर 916, 21 कैरेट पर 875, 18 कैरेट पर 750 अंक लिखे होते हैं।