चहेते नेता शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के लिए आलाकमान पर दबाव
जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर अब तक जारी कांग्रेस की सूची से एक बात साफ हो गई कि चर्चाएं भले जो भी हों, लेकिन सीएम अशोक गहलोत जैसा चाह रहे हैं कांग्रेस की राजनीति उसी तरफ घूम रही है।
गहलोत ने न केवल निर्दलीय विधायकों को टिकट दिलवाए बल्कि अपने चहेते अफसरों को भी कांग्रेस प्रत्याशी बनवा दिया। सूत्रों की मानें तो तीसरी सूची में गहलोत के एक और चहते अफसर पूर्व आईपीएस एवं कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष रहे हरि प्रसाद शर्मा के टिकट का ऐलान हो जाएगा। हरि प्रसाद फुलेरा से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।
गहलोत के इशारे पर ही उन्होंने कर्मचारी चयन बोर्ड का अपना कार्यकाल पूरा होने से 2 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। रविवार शाम हरि प्रसाद मुख्यमंत्री आवास पर उनसे मिलने भी पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक अगले 2 से 3 दिन में कांग्रेस की एक सूची और जारी हो सकती है।
धारीवाल, जोशी और राठौड़ का क्या हुआ ?
हालांकि टिकट सूची में गहलोत का दमखम नजर आ रहा है, लेकिन उनके तीन चहेते नेता यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ के नामों को लेकर अब भी कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो इनमें से धारीवाल और महेश जोशी को भी टिकट मिलने जा रहा है। धर्मेंद्र राठौड़ पुष्कर से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। यहां से कांग्रेस ने नसीम अख्तर इंसाफ को ही फिर से टिकट दिया है। हालांकि राठौड़ की दावेदारी कमजोर पड़ने के पीछे पिछले दिनों राजस्थान में आरपीएससी में छिड़े विवाद को बताया गया। कहा जा रहा कि आरपीएससी चेयरमैन कर्नल केसरी सिंह की नियुक्ति राठौड़ की सिफारिश पर हुई।