राम बारात में झलका राजसी वैभव, जनक दुलारी को ब्याहने निकले रघुवीर

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लोक कला की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मनमोहा

कोटा। Kota Dussehra 2023: नगर निगम कोटा उत्तर और दक्षिण के संयोजन में आयोजित राष्ट्रीय मेला दशहरा 2023 में चल रही रामलीला के तहत गुरुवार को राजसी ठाठबाट के साथ श्रीराम बारात निकाली गई। निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मल्टीपरपज स्कूल में बने मंच पर बारात में शामिल विभिन्न देवी देवताओं का पूजन किया। इसके बाद शोभायात्रा को रवाना किया गया।

शोभायात्रा मल्टीपरपज स्कूल से रवाना होकर सूरजपोल गेट, कैथूनीपोल होते हुए टिपटा, गढ़ पैलेस, किशोरपुरा से दशहरा मैदान पहुंची। जहां भगवान राम का विवाह जनक दुलारी सीता के संग हुआ। राम बारात की अगवानी करते हुए सबसे आगे गजराज चल रहे थे। पीछे राम की बारात का लंबा कारवां था। बैंडबाजों के मधुर गीतों पर नाचते भक्त और सबसे पीछे राम राज का प्रतीक लिए चलते सैनिकों के बीच भ्राता लक्ष्मण के साथ बग्घी में सवार भगवान राम चल रहे थे।

शोभायात्रा मार्ग रोशनी से जगमगा रहा था और जानकी को ब्याहने के लिए निकले प्रभु श्रीराम की एक झलक पाने को आतुर जन समुदाय मौजूद था। शहर में जहां-जहां से राम बारात गुजरी भगवान राम के मनमोहक रूप को निहारने नागरिकों की भीड़ सड़कों पर जमा हो गई।

राम जी की बारात में लोक कला संस्कृति की मनभावन छटा बिखर रही थी। गजराज के साथ बैण्ड वादक दल मन दर्पण कहलाए… राम जी की निकली सवारी रामजी की लीला है न्यारी.., जग में सुंदर है दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम….सरीखे भजनों से माहौल को भक्तिमय बना रहे थे। सधे हुए अंदाज में घूमर व चकरी करती नृत्यांगनाएं राजस्थानी लोक कला और संस्कृति की छाप छोड़ रही थी। म्हारी घूमर छै नखराळी… गीत इस दौरान मिठास घोलते रहे।

सूर्य ध्वज लिए चल रहे थे सैनिक
राम बारात में सैनिकों की टुकड़ी राजसी वेशभूषा पहने हाथों में भाले लेकर और सिर पर राजशाही पगड़ी धारण करके चल रही थी। इनमें 31 महिला सैनिक घोड़े पर सवार होकर चल रहे थे। वहीं 60 पैदल सैनिक भाला लेकर चले। उनके आगे 20 सेवक हाथ में सूर्यध्वज लिए चल रहे थे। राम बारात में 40 महिला- पुरुषों का समूह घूमर नृत्य करता राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेर रहा था।

बिखरे राजस्थानी लोक कला संस्कृति के रंग
शोभायात्रा में 15 झांकियां सामाजिक संदेश देते हुए चल रही थी। वहीं 4 सजीव झांकियां भी मौजूद रही। इसके अलावा 5 घोड़ा बग्घी, 15 ऊँट, 2 ऊँटगाड़ी साथ चल रही थी। 20 कलाकारों के 2 दल कच्छी घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति देते हुए लोक कला के रंग बिखेर रहे थे। झालावाड़ के प्रसिद्ध बिन्दौरी नृत्य की भी प्रस्तुति दी गई। राजस्थानी लोक कला को प्रस्तुत करते 30 कलाकारों के दो दल भी साथ थे। साथ ही, 50 लोक कलाकार कजरी नृत्य और चकरी नृत्य से राजस्थानी आभा बिखेरी। इसके अलावा डांडिया मंडलियां, नगाड़े, ढोल ताशे भी मौजूद रहे। राजसी वैभव और सैन्य दलबल का परिचय कराता पुलिस बैंड था।

शोभायात्रा में दिया मतदान का संदेश
रामबारात शोभायात्रा में स्थित सभी झांकियों की बग्घियों पर मतदान करने की अपील करते हुए पोस्टर लगाए गए थे। जो 25 नवंबर को मतदान दिवस पर लोगों को अधिकतम मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे थे।