दालों की कीमतें सरकारी नियंत्रण के बाहर, तुअर दाल के खुदरा भाव 200 रुपये किलो के पार

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नई दिल्ली। Price of pulses: सरकारी प्रयासों के बावजूद अरहर दाल की महंगाई से अब तक राहत नहीं मिली है। खुदरा बाजार में इसके भाव 200 रुपये किलो पार कर चुके हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों से मंडियों में अरहर की थोक कीमतों में नरमी देखी जा रही है। जिसका असर आगे अरहर दाल की खुदरा कीमतों पर दिख सकता है।

सरकार ने अरहर दाल की कीमतों को नियंत्रित करने के स्टॉक लिमिट, स्टॉक की जानकारी देने से उपाय किए हैं। साथ ही आयात को भी बढ़ावा दिया है। अरहर के साथ अन्य दालों की खुदरा कीमतों में भी तेजी का रुख है।

इस साल अरहर दाल की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों के अनुसार देश भर में अरहर दाल की औसत कीमत एक जनवरी को 110.45 रुपये किलो थी, जो आज बढ़कर 150.46 रुपये हो गई। इस तरह इस साल अरहर दाल 36 फीसदी से ज्यादा महंगी हो चुकी है।

महीने भर में भी अरहर दाल के खुदरा भाव चढ़े हैं। इस दौरान औसत खुदरा कीमत करीब 4 रुपये बढ़कर 150 रुपये पार कर गई है। देश भर के विभिन्न खुदरा बाजारों में इस समय अरहर दाल 75 से 205 रुपये किलो बिक रही है।

दिल्ली में अरहर दाल की औसत खुदरा कीमत महीने भर में 165 रुपये से बढ़कर 177 रुपये, मध्य प्रदेश में 146.41 रुपये से बढ़कर 152.91 रुपये, महाराष्ट्र में 162.84 रुपये से बढ़कर 169.84 रुपये और उत्तर प्रदेश में 140.91 रुपये से बढ़कर 146.69 रुपये किलो हो चुकी है।

अरहर के साथ अन्य दालों की कीमतों में भी तेजी का रुख देखा गया है। बीते एक माह के दौरान खुदरा बाजार में उड़द दाल के दाम 116.44 रुपये से बढ़कर 118.28 रुपये, मूंग दाल के दाम 112.51 रुपये से बढ़कर 115.31 रुपये, चना दाल के दाम 79.27 रुपये से बढ़कर 82.35 रुपये और मसूर दाल के दाम 93.17 रुपये से बढ़कर 93.84 रुपये किलो हो चुके हैं। साल भर में उड़द दाल के खुदरा भाव करीब 13 रुपये, मूंग दाल के 14 रुपये, चना दाल के 12 रुपये बढ़ चुके हैं। मसूर के दाल के खुदरा भाव इस दौरान स्थिर रहे हैं।

बीते कुछ दिनों से मंडियों में अरहर की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। जिससे आने वाले दिनों में खुदरा बाजार में भी अरहर दाल की कीमतों में गिरावट आ सकती है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने बताया कि दो सप्ताह पहले अरहर की बेंचमार्क मंडी मानी जाने वाली अकोला मंडी में अरहर के भाव 12,350 रुपये थे, जो अब घटकर 12,050 रुपये क्विंटल रह गए हैं। आगे ये भाव 11,800 से 12,000 रुपये के दायरे में रहने की उम्मीद है।

बाजार जानकारों के अनुसार ऊंचे भाव पर मांग घटने से कीमतों में आ रही तेजी अब थम गई है। अगले डेढ़ महीने में अरहर की नई फसल भी आने वाली है। साथ ही अरहर का आयात भी बढ़ रहा है।

इन हालात में अरहर की कीमतों में मंदी का माहौल बनने लगा है। थोक भाव गिरने का असर खुदरा कीमतों पर भी जल्द देखने को मिल सकता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को अरहर दाल की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है।

चालू वित्त वर्ष के पहले 4 महीने के दौरान दालों के आयात में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाणिज्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-जुलाई अवधि में 4.66 लाख टन मसूर आयात हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में आयात हुई 1.06 लाख टन से 4 गुना से भी ज्यादा है।

अप्रैल-जुलाई अवधि में 1.72 लाख टन अरहर का आयात हो चुका है, जो पिछले साल की इसी अवधि में आयात हुई 83,742 टन से दोगुने से ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक उड़द दाल का आयात 32 फीसदी बढ़कर 1.31 लाख टन हो गया।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि में अरहर, मसूर व उड़द तीनों प्रमुख दालों का कुल आयात 7.70 लाख टन रहा, जो पिछली समान के 2.89 लाख टन की तुलना में ढाई गुना से भी ज्यादा है।