नई दिल्ली। देश में चीनी की कीमतों (Sugar Price) के भाव आसमान छू रहे हैं। चीनी के घरेलू दाम इस समय 6 सालों के हाई लेवल पर हैं। बाजार की मानें तो चीनी के कम उत्पादन की आशंका के चलते भाव में इतना इजाफा हुआ है।
वहीं चीनी के दामों (Sugar Price) के बढ़ने के पीछे एक फैक्टर मॉनसून भी है। इस साल मानसून में कमजोरी के चलते भी भावों में उछाल देखा गया है। इलका कारण ये है कि कमजोर मॉनसून रहा तो देश में गन्ने के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। इसी आशंका के चलते चीनी की कीमतें सितंबर 2017 के बाद सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच चुकी है। बीते 15 दिनों में चीनी के दाम में 3फीसदी तक का इजाफा दर्ज किया गया है।
क्यों बढ़ रहे हैं चीनी के दाम?
देश में त्योहारी सीजन में चीनी की मांग बढ़ने की संभावना है जिसके कारण भी चीनी के दाम चढ़े है। देश के जो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं वहां पर कम बारिश हुई है। इसी के चलते देशभर में गन्ना उत्पादन की कमी को लेकर आशंका पैदा हो गई है। बाजार की बात करें, तो बाजार को उम्मीद है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी का उत्पादन घट सकता है। वहीं नए सीजन में उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका है। नए सीजन में चीनी का उत्पादन 3.3% घटकर 3.17 करोड़ टन संभव है।
महाराष्ट्र में चीनी की एक्स-मिल कीमत 05 सितंबर 2023 को बढ़कर 3,630-3,670 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है, जो 1 अगस्त 2023 को 3,520-3,550 रुपये प्रति क्विटल थी।
लग सकती है स्टॉक लिमिट!
रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार दामों को नियंत्रित करने के लिए चीनी पर स्टॉक लिमिट लगा सकती है। मिलों, होल सेलर्स की लिमिट तय हो सकती है। इस बीच अगर इंटरनेशनल मार्केट पर नजर डालें तो यहां भी चीनी के दाम में इजाफा दर्ज किया गया है। थाईलैंड, इंडोनेशिया में चीनी के दाम चढ़े हैं। वहीं USDA ने हाल ही में कहा है कि चीनी का ग्लोबल स्टॉक 13 सालों के निचले स्तरों पर पहुंचा है।