चुनाव से पहले महारानी कोपभवन में, राजस्थान भाजपा में क्यों मचा घमासान

0
83

जयपुर। Rajasthan BJP Politics : राजस्थान में 2 सितंबर को बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का आगाज होगा। पार्टी ने वसुंधरा राजे को बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी है। चर्चा है कि अपनी अनदेखी से वसुंधरा राजे नाराज है। चारों दिशाओं में अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा परिवर्तन यात्रा का आगाज करेंगे।

खास बात यह है कि इस बार परिवर्तन यात्रा का कोई चेहरा नहीं है। जबकि इससे पहले गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल के खिलाफ निकाली गई परिवर्तन यात्रा का मुख्य चेहरा वसुंधरा राजे ही थी। इस बार वसुंधरा राजे को साइडलाइन है। केंद्रीय मंत्री शेखावत घूम धूमकर कह रहे हैं कि पीएम मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।

विधानसभा चुनाव से पहले वसुंधरा राजे फील्ड में कम सक्रिय है। खास बात यह है कि बीजेपी का कोई वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे को मनाने का प्रयास करते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। हाल ही में अमित शाह गंगापुर सिटी के दौरे पर आए लेकिन वसुंधरा राजे समर्थकों ने कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी।

अमित शाह ने भी मनाने का प्रयास नहीं किया। हालांकि, वसुंधरा राजे कैंप के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वसुंधरा राजे अपनी अनदेखी से व्यथित है। उनका कहना है कि वसुंधरा राजे दो बार सीएम, केंद्रीय मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रह चुकीं है। इसके बावजूद भी चुनाव में अनदेखी की जा रही है। उन नेताओं को बढ़ावा दिया जा रहा है कि जिन्हें वसुंधरा राजे ने आगे बढ़ाया और आज वे वसुंधरा राजे को खुली चुनौती दे रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि, वसुंधरा राजे जब भी बोलतीं है तो सिर्फ यही बोलती है कि है कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनेगी। सोशल मीडिया के माध्यम से जरूर सीएम अशोक गहलोत को निशाने पर ले रही है। बीजेपी की 2 सितंबर को परिवर्तन यात्रा शुरू होने जा रही है।

चारों दिशाओं में बीजेपी के वरिष्ठ नेता परिवर्तन यात्रा का आगाज करेंगे। खास बात यह है कि इस बार परिवर्तन यात्रा का कोई चेहरा नहीं है। जबकि इससे पहले गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल के खिलाफ निकाली गई परिवर्तन यात्रा का मुख्य चेहरा वसुंधरा राजे ही थी। इस बार बीजेपी आलाकमान ने वसुंधरा राजे को साइडलाइन कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत की सक्रियता बढ़ी
राजस्थान में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाने वाले नेता केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल और पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया फील्ड में सक्रिय दिखाई दे रही है। सियासी जानकारों का करना है कि इनमें केंद्रीय मंत्री शेखावत की सक्रियता से वसुंधरा राजे कैंप के नेता अंदरूनी तौर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। क्योंकि बीजेपी ने सीएम फेस घोषित नहीं किया है। ऐसे में चुनाव बाद बीजेपी सत्ता में आती है तो केंद्रीय मंत्री शेखावत अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका निर्णया पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा।