नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा में अधिक बारिश और पूर्वी भारत में कम बारिश के कारण धान के उत्पादन पर संकट के बीच, सरकार ने देर रात एक अधिसूचना में Parboiled Rice पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया है, जो कि 16 अक्टूबर से लागू होगा।
माना जाता है कि वाणिज्य विभाग ने अलग से बासमती चावल पर 1200 डॉलर का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाने का आदेश भी जारी किया है जो 15 अक्टूबर तक लागू रहेगा। आदेश में कहा गया है कि एमईपी की समीक्षा अक्टूबर के पहले सप्ताह में की जाएगी।
निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क
सरकार ने Parboiled Rice के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाया है। ये कदम पर्याप्त घरेलू स्टॉक बनाए रखने और डोमेस्टिक कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए उठाया गया है।
नॉन-बासमती चावल की सभी किस्मों पर प्रतिबंध
बीते महीने डोमेस्टिक सप्लाई को बढ़ावा देने और रिटेल कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए नॉन-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में नॉन-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 फीसदी है।
बासमती चावल का निर्यात 4.8 बिलियन डॉलर
कीमत के हिसाब से 2022-23 में भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 4.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। पिछले वित्त वर्ष की बात करें तो बीते साल नॉन- बासमती का निर्यात 6.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा। वहीं भारत का चावल उत्पादन 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में बढ़कर 135.54 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष में 129.47 मिलियन टन था।