नई दिल्ली। ban on rice export: भारत ने हाल में गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश में चावल की बढ़ती कीमत को थामने के लिए सरकार ने यह फैसला किया था। लेकिन इससे दुनियाभर में चावल की कीमत में भारी तेजी आई है।
यूएन की फूड एजेंसी एफएओ (FAO) के मुताबिक जुलाई में राइस प्राइस इंडेक्स 2.8 फीसदी की तेजी के साथ करीब 12 साल के हाई पर पहुंच गया है। इसमें पिछले साल जुलाई के मुकबले 20 परसेंट तेजी आई है और यह सितंबर 2011 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
मजबूत मांग और भारत के बैन से चावल की कीमत बढ़ी है। भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। ग्लोबल एक्सपोर्ट में भारत की 40 परसेंट हिस्सेदारी है।
भारत ने पिछले महीने गैर बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था। देश से एक्सपोर्ट होने वाले कुल चावल में गैर बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 परसेंट है। भारत के अलावा थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान चावल के प्रमुख एक्सपोर्टर हैं।
चावल आयात करने वाले देशों में चीन, फिलीपींस, बेनिन, सेनेगल, नाइजीरिया और मलेशिया प्रमुख हैं। भारत के चावल पर बैन लगाने से अमेरिका में हड़कंप मच गया था। वहां बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं और बैन की खबर सुनते ही वे स्टॉक जमा करने के लिए दुकानों पर टूट पड़े।