नई दिल्ली। लंबे समय तक नरम रहने के बाद अब ग्वार व ग्वार गम (Guar gum price) की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। उत्पादक इलाकों में पहले मानसून में देरी और अब ज्यादा बारिश से बोआई प्रभावित हो रही है। ग्वार गम की निर्यात मांग भी मजबूत है। ऐसे में ग्वार और ग्वार गम दोनों के दाम बढ़ रहे हैं।
कमोडिटी एक्सचेंज नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) पर 26 जून को ग्वार अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 5,328 रुपये के भाव पर बंद हुआ था, आज यह खबर लिखे जाने के समय 6,040 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था।
इसी तरह 26 जून को 10,223 रुपये के भाव पर बंद होने वाले ग्वार गम अगस्त कॉन्ट्रैक्ट आज खबर लिखे जाने के समय 12,380 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस तरह महीने भर में ग्वार 13 फीसदी और ग्वार गम 21 फीसदी महंगा हो चुका है।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि पहले मानसून में देरी के कारण ग्वार की बोआई देर हुई और अब ज्यादा बारिश होने से भी यह प्रभावित हो रही है।
जिससे ग्वार व ग्वार गम दोनों के भाव में तेजी आ रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट इंद्रजीत पॉल ने कहा कि प्रतिकूल मौसम से सबसे बड़े ग्वार उत्पादक राज्य राजस्थान में ग्वार का रकबा अब तक 6 फीसदी घटकर करीब 21 लाख हेक्टेयर रह गया है। हालांकि गुजरात में ग्वार का रकबा 71 फीसदी बढ़कर करीब 75 हजार हेक्टेयर हो गया। लेकिन ग्वार की खेती में गुजरात की हिस्सेदारी 10 फीसदी भी नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि ज्यादा बारिश होने से आगे ग्वार की फसल को नुकसान हो सकता है। ग्वार गम की निर्यात मांग भी मजबूत है। लिहाजा आगे भी ग्वार और ग्वार गम दोनों की कीमतों तेजी जारी रह सकती है। पॉल कहते हैं कि दोनों की कीमतों में आगे भी तेजी का रुझान दिख रहा है। ग्वार के वायदा भाव 6,500 रुपये तक और ग्वार गम के वायदा भाव बढ़कर 13,800 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं।