कौशल और ज्ञान को एकीकृत करके ही रोजगार परिदृश्य में सुधार संभव

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कोटा विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में कार्यशाला आयोजित

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय (Kota University) के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की ओर से शुक्रवार को उद्योग अकादमिक अंतर को कम करने को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। विभागाध्यक्ष डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशीष माथुर, इंडस्ट्री ट्रेनर मनीष दाधीच तथा वाणिज्य महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ. कपिलदेव शर्मा ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग स्नातकों (engineering graduates) को ऐसे अवसर दिए जाने चाहिए। जहां उन्हें अपनी ताकत का पता चले। यह छात्रों को कुछ अलग हटकर काम करने और उन्हें मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करके किया जा सकता है। हमें कौशल और ज्ञान को एकीकृत करके रोजगार परिदृश्य (employment outlook) में सुधार करना होगा। देश की आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उद्योग जगत पर है, लेकिन उसे इसमें सहयोग देने के लिए शिक्षा जगत से भी काफी उम्मीदें हैं। शैक्षणिक स्तर पर उचित व्यावहारिक प्रशिक्षण का अभाव है। छात्र सैद्धांतिक रूप से तो मजबूत हैं, लेकिन व्यवहारिक ज्ञान की कमी के कारण छात्रों में मौलिक समझ का अभाव है।

मनीष दाधीच ने छात्र छात्राओं को इंडस्ट्री कल्चर को समझने और उद्योग जगत में सफल होने के लिए टिप्स दिए। प्रोफेसर कपिल देव शर्मा ने मैनेजमेंट में स्टोरी टेलिंग को लर्निंग का नया टूल बताया। प्रोफेसर आशीष माथुर ने विभिन्न खेलों के माध्यम से स्टूडेंट्स में नेतृत्व और प्रबंधन के स्किल को बढ़ाने का तरीका बताया। संचालन डॉ. जतिन ने किया। डॉ. अनुकृति शर्मा ने स्वागत भाषण दिया तथा डॉ. आशीष आसोपा ने धन्यवाद जताया। इस अवसर पर डॉ. नीता पारीक, डॉ. श्रुति अरोड़ा, डॉ. कविता पंजाबी, डॉ. विनीता शर्मा, डॉ. नीलिमा मोदी, गजेंद्र डूडी समेत कई लोग मौजूद रहे।