दी एसएसआई एसोसिएशन, लघु उद्योग भारती ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
कोटा। Fuel Surcharge Protest: बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज में की गई बेतहाशा वृद्धि के विरोध में आज सैकड़ों उद्यमियों एवं व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन कर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
प्रदर्शन का नेतृत्व दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल, सलाहकार बोर्ड के निदेशक एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल, एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सिंघल एवं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने किया।
सभा को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने कहा कि राज्य सरकार से बार-बार मांग करने पर भी फ्यूल सरचार्ज के रूप ली जा रही भारी राशि को कम करने के बजाय लगातार बढ़ोतरी की जा रही है, जो असंवैधानिक है। हर माह इसमे लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सरकार द्वारा उद्यमियों एवं व्यापारियों की इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे मजबूर होकर उद्यमी एवं व्यापारी आंदोलन की राह पर आ चुके हैं।
एसोसिएशन के सलाहकार बोर्ड के निदेशक एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि सरकार द्वारा गत वर्ष का उपभोग कर चुके उपभोक्ताओं पर सरकार द्वारा फ्यूल सर चार्ज के रूप में बिजली के बिलों में बकाया राशि निकाली गई है। उसका भुगतान वर्तमान बिलों में लिया जा रहा है, जो पूर्णतया अवैधानिक है। व्यापारी उद्यमी अपनी बैलेंस सीटों में इनका आकलन कर चुका है। उस पर अब वसूले जा रहे फ्यूल सरचार्ज को वह किस तरह समायोजित करेगा, जिसकी राशि हजारों लाखों रुपए में है।
सूत्रों से पता चला है कि आने वाले दिनों में और अधिक भारी भरकम राशि फ्यूल सरचार्ज के नाम पर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा वसूली करने की तैयारी की जा रही है, जिसकी वजह से व्यापारियों एवं उद्यमियों को अब आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी है, जिसका पूरे राज्य भर में उद्यमियों द्वारा निरंतर विरोध किया जा रहा है और आगे भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार फ्यूल सरचार्ज के नाम से की जा रही पुरानी वसूली की राशि को लौटाने एवं आगे से फ्यूल सरचार्ज नहीं लगाने की घोषणा करती है तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। एक तरफ तो राज्य सरकार मुफ्त बिजली देकर राहत की बात कर रही है। दूसरी तरफ मुफ्त में दी जा रही बिजली से 6 गुना अधिक की वसूली आम उपभोक्ताओं, व्यापारियों एवं उद्यमियों से की जा रही है। जबकि सोलर से पैदा की जाने वाली बिजली का सरकार द्वारा ₹ 2. 20 पैसे प्रति यूनिट से उत्पादन करने वाले को दिया जाता है।
उसकी वसूली 8 रुपये प्रति यूनिट और उस पर फ्यूल सरचार्ज अलग से वसूला जा रहा है। इसके विरोध में राज्य के सभी व्यापारी-उद्यमी एकजुट हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि सभी व्यापारी-उद्यमी संगठित होकर जब तक राज्य सरकार इसको वापस नहीं ले तब तक इसके खिलाफ किए जा रहे आंदोलन में सक्रियता से भाग लेवें।
दी एस एस आई एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित सिंघल ने कहा कि सरकार द्वारा इस तरह का अनावश्यक भार डालने से कई उद्योग बंद होने की स्थिति में पहुंच जाएंगे। अतः राज्य सरकार व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए तुरंत प्रभाव से शुल्क की वसूली को रोके। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ताराचंद गोयल एवं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने कहा कि राज्य में उद्योग लगना बंद हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज लघु उद्योग भारती द्वारा पूरे राज्य में फ्यूल सरचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन कर इसका विरोध किया गया है। प्रदर्शन एवं सभा के बाद उद्यमियों व व्यापारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर ओपी बुनकर को ज्ञापन सौंपकर फ्यूल सरचार्ज वसूली बंद करने एवं पुराने वसूले गए उसको लौटाने की मांग की है। जिला कलेक्टर ने प्रतिनिधिमंडल की पूरी बात को समझते हुए कहा कि आपकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा।
इस अवसर पर एसोसिएशन के सचिव अक्षय सिह ,कोषाध्यक्ष समीर सूद निर्वाचित अध्यक्ष मनीष माहेश्वरी और पूर्व अध्यक्ष प्रेम भाटिया, जम्बु कुमार जैन यशपाल भाटिया, संजय सिंह लूथरा, लघु उद्योग भारती के सचिव संदीप जांगिड़ और पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जैन, मनोज राठी, महेश गुप्ता, एसोसिएशन के पूर्व सचिव पवन मूंदड़ा, अंकुर गुप्ता, गुमानपुरा दुकानदार संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा, हाडोती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष छुट्टन लाल शर्मा, कोटा स्टोन ट्रेडर्स एसोसियेशन के सचिव हरीश प्रजापति सहित सेकडों की तादाद में व्यापारी एवं उद्यमी मौजूद थे।