बेंगलुरु। ऐसे देश में जहां कॉन्डम अभी भी टैबू बना हुआ है और मेडिकल स्टोर में कॉन्डम खरीदने से पहले लोग अपने आसपास निगाह डालते हैं वहां 69 दिनों में 10 लाख कॉन्डम्स ऑनलाइन ऑर्डर हो जाना बड़ी बात है।
28 अप्रैल को लॉन्च हुए फ्री कॉन्डम स्टोर ने 69 दिनों में 9.56 लाख कॉन्डम्स डिलिवर किए। इस स्टोर को AIDS हेल्थकेयर सोसायटी ने लॉन्च किया था। इस स्टोर से सबसे अधिक डिलिवरी दिल्ली और कर्नाटक में हुई।
केयर सोसायटी ने सरकार द्वारा संचालित हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड के साथ मिल स्पेशल ब्रैंड के कॉन्डम्स बनाए थे। ऑनलाइन स्टोर के डेटा के मुताबिक, 5.14 लाख कॉन्डम्स समुदायों और एनजीओ के मांगने पर उन्हें डिलिवर किए गए।
वहीं 4.41 लाख कॉन्डम्स व्यक्तिगत रूप से ऑर्डर किए गए थे। फाउंडेशन के प्रोग्राम डायरेक्टर वी सैम प्रसाद ने बताया कि वह इस कार्यक्रम को मिली प्रतिक्रिया से आश्चर्यचकित हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमें लगा कि 10 लाख कॉन्डम्स का स्टॉक दिसंबर तक के लिए काफी होगा लेकिन हम जुलाई के पहले हफ्ते में ही आउट ऑफ स्टॉक हो गए।
हमने 20 लाख और कॉन्डम्स का ऑर्डर दिया है जो नवंबर के आखिरी हफ्ते तक मिल जाएंगे और जनवरी के लिए 50 लाख कॉन्डम्स का ऑर्डर दिया जा चुका है।’
एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऑनलाइन कॉन्डम को ऐसा रिस्पॉन्स मिलने का एक कारण यह है कि भारत में लोग अभी भी स्टोर से कॉन्डम लेने जाने में शर्म महसूस करते हैं और सेक्स से जुड़ी कोई भी चीज अकेले में खरीदना ही पसंद करते हैं।
एक जानकार ने कहा, ‘कॉन्डम घर पर डिलिवर करने वाला व्यक्ति यह नहीं जानता है कि पैकेज में क्या है और ऑनलाइन ऑर्डर करने पर पहचान की शर्म भी नहीं रहती।’
नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक परिवार नियोजन के लिए 5.6 प्रतिशत लोग ही कॉन्डम का इस्तेमाल करते हैं। कोलकाता में 19 प्रतिशत, दिल्ली में 10 प्रतिशत और बेंगलुरु में 3.6 प्रतिशत लोग कॉन्डम यूज करते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर 54 प्रतिशत महिलाएं और 77 प्रतिशत पुरुष कॉन्डम का प्रयोग करते हैं। भारत में कॉन्डम्स की सालाना सेल 200 से 220 करोड़ के बीच है।