एनसीपी उनकी है और पार्टी के विधायक व नेता सभी उनके साथ, शरद पवार का जवाब

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मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के तहत एनसीपी नेता अजित पवार ने शिंदे सरकार के साथ मिलकर डिप्टी सीएम की शपथ ले ली है। वहीं, उन्होंने दावा किया कि एनसीपी उनकी है और पार्टी के विधायक व नेता सभी उनके साथ हैं। इसका जवाब देते हुए अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि जनता बताएगी पार्टी किसकी है।

शरद पवार ने कहा कि मैं लोगों के बीच जाऊंगा और समर्थन जुटाऊंगा। अजित के भाजपा के साथ जाने के बयान पर उन्होंने कहा कि एनसीपी की आइडियोलॉजी इस बात की इजाजत नहीं देता कि भाजपा के साथ गठबंधन किया जाए।

शरद पवार ने कहा कि मैंने 6 जुलाई को सभी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। इसमें कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी और पार्टी के भीतर कुछ बदलाव किए जाने थे, लेकिन उससे पहले ही कुछ नेताओं ने अलग रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा कि दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एनसीपी खत्म हो चुकी पार्टी है। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया। मुझे खुशी है कि मेरे कुछ साथियों ने आज शपथ ली है। उनके सरकार में शामिल होने से यह स्पष्ट है कि वे सभी आरोप मुक्त हो गए हैं।

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एनसीपी मुखिया ने आगे कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। 1980 में मैं जिस पार्टी का नेतृत्व कर रहा था, उसके 58 विधायक थे, बाद में सभी चले गए और केवल 6 विधायक बचे, लेकिन मैंने संख्या को मजबूत किया और जिन्होंने मुझे छोड़ा वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में हार गए।

सीनियर पवार ने कहा कि मुझे बहुत से लोगों से फोन आ रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य लोगों ने मुझे फोन किया है। आज जो कुछ भी हुआ मुझे उसकी चिंता नहीं है। कल मैं वाई.बी. चव्हाण (महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री) का आशीर्वाद लूंगा और एक सार्वजनिक बैठक करुंगा।

शरद पवार ने कहा कि अजित पवार से कोई चर्चा नहीं हुई थी। हालांकि जाने से पहले छगन भुजबल ने मुझसे बात की थी। भुजबल ने कहा था कि जो हो रहा है वह ठीक नहीं है। उन्होंने अजित के घर जाने की बात कही थी, लेकिन पता चला कि उन्होंने भी शपथ ले ली है। साथ ही पवार ने कानूनी रास्ता अख्तियार करने से भी मना किया।

उन्होंने कहा कि इसके बजाए हम लोगों के पास जाएंगे। हमें पूरा भरोसा है कि लोग हमें समर्थन देंगे। शरद पवार ने आगे कहा कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में मैंने प्रफुल्ल पटेल जैसे नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। मेरा उनसे यही कहना है कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व का विश्वास खो दिया है। अब वह इस्तीफा दे दें, अन्यथा मैं उनके खिलाफ ऐक्शन लूंगा।