मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर हो गया है। लंबे समय से चली आ रही बगावत की आशंका आज हकीकत में बदल गई जब एनसीपी नेता और राज्य में नेता प्रतिपक्ष रहे अजित पवार ने बगावत का बिगुल फूंक किया। महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के प्रमुख विपक्षी दलों में से एक राकांपा में फूट पड़ गई है।
राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को ही अपने आवास पर पहले पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और फिर सीधे राजभवन पहुंच गए। अजित यहां महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की मौजूदगी में एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। बताया गया है कि अजित पवार के पास राकांपा के 40 विधायकों का समर्थन है।
तीसरी बार उपमुख्यमंत्री
गौर करने वाली बात है कि अजित पवार एक ही कार्यकाल में तीसरी बार उपमुख्यमंत्री बने थे। पहली बार उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी। दूसरी बार वह महाविकास अघाड़ी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे और अब तीसरी बार नेता प्रतिपक्ष से सीधा उपमुख्यमंत्री बन गए हैं।
इन मंत्रियों ने ली शपथ
अजित पवार के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे थे। अजित पवार के शपथ लेने के साथ ही महाराष्ट्र में अब दो डिप्टी सीएम हो गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र कैबिनेट में राकांपा के कई मंत्री भी शामिल किए गए हैं। इनमें छगन भुजबल से लेकर दिलीप वलसे पाटिल तक शामिल हैं। इसके अलावा जिन नेताओं को मंत्रीपद मिला, उनमें हसन मुश्रिफ, दिलीप वल्से पाटिल, धनंजय मुंडे, अदिति तत्करे, अनिल भाईदास पाटिल, बाबूराव अतराम और संजय बंसोडे शामिल हैं।
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उद्धव ठाकरे गुट को भी झटका
महाराष्ट्र में शिवसेना में टूट और महाविकास अघाड़ी की सरकार गिरने के बाद यह दूसरा बड़ा झटका है। एनसीपी की इस फूट से उद्धव ठाकरे गुट को भी बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि एनसीपी के कई नेताओं को शरद पवार का पटना में विपक्षी दलों की बैठक में जाना और राहुल गांधी के साथ मंच साझा करना पसंद नहीं आया था। इसके चलते उन्होंने अजित पवार का साथ देने का विचार बना लिया। हालांकि इसकी भूमिका लंबे समय से तैयार हो रही थी।