नई दिल्ली। GST Fraud News: जीएसटी अधिकारियों ने बोगस कंपनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में 9,000 फर्जी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (जीएसटीआईएन) वाले 304 सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। इन कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये 25,000 करोड़ का दावा किया था।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने बताया कॉरपोरेट इनकम टैक्स देने वाले केवल 40 फीसदी लोग जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं। जीएसटी के छह साल पूरे होने के बाद भी केवल 1.39 लाख कारोबारी इसमें पंजीकृत हैं।
जीएसटी दिवस पर एक कार्यक्रम में जौहरी ने कारोबारियों से अपील की कि वे जीएसटी में पंजीकरण अवश्य कराएं। इससे उनको ही लाभ होगा। केंद्र और राज्य के अधिकारी दो महीने का विशेष कार्यक्रम चला रहे हैं, जिसमें फर्जी कारोबारियों पर नजर है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जीएसटी के कारण कर के मोर्चे पर अधिक उछाल आया है। इसलिए, केंद्र और राज्य दोनों को लाभ हुआ है। आज, जीएसटी के बाद किसी भी राज्य को राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। जीएसटी लागू होने से पहले, भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली खंडित थी, जहां हर राज्य ग्राहकों के लिए एक अलग बाजार था।