नई दिल्ली। रबी की प्रमुख फसलों गेहूं और सरसों के रिकॉर्ड उत्पादन के कारण वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में कृषि एवं संबंधित गतिविधियों की वृद्धि दर 12 तिमाही के उच्च स्तर 5.5 प्रतिशत पर रही है। तीसरी तिमाही में संशोधित वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी। कृषि एवं संबंधित गतिविधियों का वृद्धि रिकॉर्ड जीवीए ऐसे समय में दर्ज हुआ है, जब 2021-22 की चौथी तिमाही में 4.1 प्रतिशत वृद्धि का उच्च आधार है।
2022-23 की चौथी तिमाही में प्राथमिक क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों की वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत से ऊपर रही है, जैसा दूसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया था। उच्च वृद्धि दर की एक प्रमुख वजह कृषि क्षेत्र के तीसरे अग्रिम अनुमान में रबी की फसलों के उत्पादन में वृद्धि का अनुमान है। पहले यह डर था कि बेमौसम बारिश से फसलों, खासकर गेहूं को भारी नुकसान हुआ है।
तीसरे अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि रबी सत्र में गेहूं का उत्पादन 1127.4 लाख टन रह सकता है, जो पिछले साल के उत्पादन से 5.5 प्रतिशत ज्यादा होगा। गेहूं के रकबे में वृद्धि व ज्यादा उत्पादकता के कारण उत्पादन बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
रबी सत्र में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन फसल सरसों का उत्पादन 124.9 लाख टन रहने का अनुमान है जो पिछले साल की तुलना में 4.43 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं तीसरे अग्रिम अनुमान में रबी की सबसे बड़ी दलहन चने का उत्पादन 135.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल के उत्पादन के बराबर है।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘चौथी तिमाही में कृषि जीवीए की 5.5 प्रतिशत वृद्धि दर एक साल पहले की 4.1 प्रतिशत वृद्धि के उच्च आधार पर हुई है। यह तीसरी तिमाही से उलट है। इसका मतलब यहहै कि जहां 2021-22 की चौथी तिमाही में गर्म हवा के थपेड़ों ने गेहूं की फसल को नष्ट किया था, वहीं इस बार ऐसा कोई असर नहीं पड़ा है।’
इसके पहले 2019-20 की चौथी तिमाही में कृषि और संबंधित गतिविधियों की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में जीवीए वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने में निर्माण, व्यापार, होटल और ट्रांसपोर्ट सर्विस ने प्रमुख भूमिका निभाई है, जबकि सार्वजनिक प्रशासन, रक्षा व सेवा क्षेत्र में सुस्ती आई है।
कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में चौथी तिमाही में हुई वृद्धि और तीसरी तिमाही के वृद्धि के संशोधित अनुमान की वजह से 2022-23 में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, क्योंकि पहली और दूसरी तिमाही में प्रदर्शन खराब रहा था। 2021-22 में वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत थी। तीसरी तिमाही में इस क्षेत्र की वृद्धि दर संशोधित कर 4.7 प्रतिशत कर दी गई है, जो फरवरी में लगाए गए अनुमान से 1 प्रतिशत ज्यादा है।