भजन संध्या में गूंजे बालाजी के जयकारे, भजनों पर देर रात तक झूमे श्रोता

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कोटा। श्री हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री मंशापूर्ण हनुमान मंदिर प्रबंध समिति छावनी की ओर से गुरुवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें गायक प्रकाश माली ने श्रीराम, वीर हनुमान के साथ देशभक्ति एवं गौ सेवा को लेकर एक से बढ़कर एक भजनों और गीतों की प्रस्तुति दी। भजन संध्या की शुरूआत प्रकाश माली ने गणपति स्तुति के साथ ‘‘गौरी के नंदा गजानंद…’’ भजन की शानदार प्रस्तुति से की। इसके बाद ‘‘वारी जाऊं रे गुरू सा बलिहारी जाऊं…’’ भजन की प्रस्तुति देते हुए गुरू वंदना भी की।

इसके बाद “थारी जय हो पवन कुमार बजरंग बाला जी…”, “दुनिया चले ना श्री राम के बिना, रामजी चले ना हनुमान के बिना…”, “झालर शंख नगाडा बाजे हो, छावनी के मंदिर में हनुमान विराजे रे…”, “जय बोलो सियावर राम की…”, “राम से बड़ा राम का नाम…” सरीखे एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी। प्रकाश माली ने लक्ष्मण शक्ति बाण कथा का वर्णन करते हुए “आ लौट के आजा हनुमान, तुझे श्रीराम बुलाते हैं…” सुनाकर हर किसी को भावविभोर कर दिया।

इन्होंने भारतीय सेना से लेकर भारतीय किसान तक, गाय से लेकर गरीबी मिटाने के तरीकों तक के कर्णप्रिय भजन गाए। गौ भक्ति और भजनों की मधुर आवाज ने गौ भक्तों का मन मोह लिया। गायक प्रकाश माली ने अपने सुप्रसिद्ध गीत ‘‘मायड़ थारौ पूत कठै, ओ महाराणा प्रताप कठै…’’ के माध्यम से महाराणा प्रताप की वीरता का बखान करते हुए श्रोताओं की तालियां बटोरी।

इस गीत के माध्यम से हल्दीघाटी में हुए अकबर और महाराणा प्रताप के बीच के युद्ध को आंखों के सामने साकार कर दिया। महाराणा प्रताप का बखान करते हुए प्रकाश माली ने जैसे ही ‘‘हल्दीघाटी में समर लड्यो…’’ गाया चारों ओर ‘‘वन्देमातरम्… भारत माता की जय… राणा की जय जय…’’ के उद्घोष से छावनी चौराहा गूंज उठा।

गायक प्रकाश माली ने फिल्म बाहुबलि के गाने की तर्ज पर भगवान शंकर पर लिखा भजन ‘‘कौन हूं, आया कहां से…’’ की प्रस्तुति देकर शिवपूजा को साकार किया। इसके बाद गौ माता की महिमा सुनाते हुए वर्तमान में देश में गायों की स्थिति को लेकर पेश किए भजनों पर श्रोताओं में गौ माता के प्रति श्रद्धा के भाव भर दिए।

उन्होंने ‘‘धीन माता धीन धरती, थने कदे न देके फिरती हो…’’ गाकर गौमाता की स्थिति का बखान किया। इसके बाद देर रात तक भजनों की प्रस्तुति पर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भजन संध्या में अध्यक्ष गजानंद जैन, उपाध्यक्ष योगेश कोटिया, सचिव गिरीश चौधरी, कोषाध्यक्ष कमलेश टांक तथा व्यवस्थापक चंद्रशेखर शाक्यवाल समेत बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।

125 दीपकों से हुई महाआरती
समारोह के दूसरे दिन गुरुवार को मंशापूर्ण बालाजी का पंचामृत से महाअभिषेक किया गया। इस दौरान प्रतिमा का स्वर्ण श्रंगार हुआ तथा 5 पंडितों के द्वारा पूजन किया गया। वहीं रात्रि को 125 दीपक से महाआरती की गई। इस दौरान बजरंग बली के जयकारे गूंजते रहे।

सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आज
समिति के अध्यक्ष गजानंद जैन ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः 9 बजे से गोयल धर्मशाला में सर्वजातीय निशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें 21 जोड़ों का विवाह संपन्न होगा। सभी जोड़ों की बैंडबाजे के साथ निकासी निकाली जाएगी। इसके बाद तोरण, वरमाला और कन्यादान की परंपरा का निर्वहन होगा।सामूहिक विवाह सम्मेलन में विभिन्न संस्थाएं और सर्व समाज के लोग कन्यादान करेंगे।

आम भंडारा आज
शुक्रवार को ही दोपहर 1 बजे से विशाल आम भंडारा आयोजित किया जाएगा। जिसमें 50 हजार से अधिक लोग प्रसादी ग्रहण करेंगे।