पुलवामा वीरांगनाओं के मुद्दे पर राजस्थान विधान सभा में भारी हंगामा

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धारीवाल ने सांसद किरोड़ीलाल मीणा को बताया आतंकी

जयपुर। पुलवामा हमले में शहीद हुए वीरांगनाओं के साथ हुए घटनाक्रम को लेकर राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Vidhansabh) में सोमवार को भारी हंगामा हुआ। विपक्ष के सदस्यों की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी (Dr CP Joshi) ने इस मुद्दे पर चर्चा करवाई। इस दौरान विपक्ष के सदस्यों ने सरकार पर कई अनर्गल आरोप लगाए।

इन आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा (MP Kirodi Lal Meena) को आतंकी करार दिया। धारीवाल ने कहा कि राजनीति में रुचि लेने वाला हर व्यक्ति जानता है कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा जी जिस प्रकार का कृत्य करते हैं, वो किसी आतंकित से कम नहीं होता। इस पर विपक्ष के सदस्यों ने सदन में भारी हंगामा किया।

इस दौरान स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने विपक्ष के सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि आप जिसे चाहें उसे देशद्रोही बोल देते हैं, वह तो रिकॉर्ड होता है। फिर इनकी बात को कैसे रोक सकते हैं।

शांति धारीवाल ने कहा कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा विधानसभा के सदस्य रहे हैं और मंत्रीमंडल में भी रहे हैं। वे नियम को जानते हुए भी नियम के विरुद्ध आन्दोलन कर रहे हैं और जिद भी कर रहे हैं। धारीवाल ने कहा कि सरकार के मंत्रियों वीरांगना मधुबाला से ऐसा कोई वादा किया कि सांगोद के चौराहे पर शहीद की मूर्ती लगाएंगे।

धारीवाल के इस जवाब के बाद विपक्ष के सदस्यों ने सदन में भारी हंगामा किया। वीरांगनाओं को न्याय देने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की गई। विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि वे वीरांगनाओं के अपमान को सहन नहीं करेंगे। सदन में लगातार हंगामा होने पर स्पीकर ने चर्चा को समाप्त कर दिया।

बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह कहकर देश और प्रदेश को भ्रमित किया है कि वीरांगनाएं नियम विरुद्ध देवर के लिए नौकरी की मांग रही है। दिलावर ने कहा कि मंत्रियों ने जो घोषणा की थी, उन्हीं घोषणा को पूरा करने की मांग वीरांगनाओं द्वारा की जा रही है।

वीरांगनाओं ने जब अपने देवर के लिए नौकरी की मांग की थी तब मंत्रियों ने देवर को नौकरी देने की सहमति दी थी तो अब ये मुकर क्यों रहे हैं। मदन दिलावर ने कहा कि मंत्री सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। अगर मंत्रियों ने देवर के नौकरी देने की बात कही है तो क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं की मंत्रियों द्वारा किए गए वादे को पूरा करे।

अगर मंत्री को नियम और कानून की जानकारी नहीं है और वे यूं ही ऐसी वैसी घोषणाएं कर दें तो ऐसे नौसिखिए मंत्रियों को मंत्री मंडल में क्यों रखा गया है। पुलिस प्रशासन ने वीरांगनाओं के स्वास्थ्य खराब होने की बात कहकर धरने से हटाया था। वास्तव में ही उनकी तबियत खराब थी तो उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए था क्योंकि वे जयपुर शहर में ही धरने पर बैठी थी।