सबसे खराब ड्राइविंग वाले देशों में भारत का भी नाम, सबसे सुरक्षित ड्राइविंग जापान में

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    बीमा कंपनी की सर्वे रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

    नई दिल्ली। सबसे खराब ड्राइविंग वाले देशों की सूची में भारत का चौथा स्थान है। यहां पर सड़क पर यातायात नियमों का पालन नहीं करने, सड़क से जुड़े अन्य कारक व ड्राइविंग कौशल जैसे कारणों की वजह से सड़क दुर्घटना पाई जाती हैं। इस सर्वे में भारत को 2.34 अंक मिले हैं।

    भारत में आए दिन सड़क हादसों की खबरें सामने आती ही रहती है। सड़क हादसों में कई व्यक्ति अपनी जान भी गवा देते हैं। बढ़ते सड़क हादसों के कारण लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग की सलाह दी जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी हमारे सामने खतरनाक ड्राइविंग के मामले सामने आते हैं। एक बीमा कंपनी में हाल ही में एक सर्वे किया है, जिसमें सबसे खराब ड्राइविंग वाले देशों के सूची में भारत का नाम भी शामिल हुआ है।

    थाईलैंड की स्थिति सबसे खराब
    सड़क सुरक्षा पर इंश्योरेंस कंपनी कंपेयर द मार्केट ने एक सर्वे किया है, जिसमें कंपनी ने यह देखा कि किस देश के लोग सबसे सुरक्षित और सबसे खतरनाक तरीके से ड्राइविंग कर रहे हैं। कंपनी ने इस मामले में 50 देशों में यह सर्वे किया। कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में कहा गया है कि दुनिया का थाईलैंड ऐसा देश है, जो ड्राइविंग के मामले में सबसे खराब है। यहां के ड्राइवर असुरक्षित तरीके से ड्राइविंग करते हैं। यही वजह है कि इस देश को सबसे खराब देशों की सूची में टॉप स्थान पर रखा गया है।

    तीसरे स्थान पर है लेबनान
    ड्राइविंग के मामले में सबसे खराब देशों की दूसरे स्थान पर है। इस देश में भी ड्राइवर खतरनाक तरीके से गाड़ियां चलाते हैं, जिससे दुर्घटना होने की संभावना अधिक रहती है। वहीं, कंपनी द्वारा किए गए सर्वे में पता चला है कि खराब ड्राइविंग वाले देशों की सूची में लेबनान का तीसरा स्थान है।

    सबसे सुरक्षित ड्राइविंग जापान में
    कंपेयर द मार्केट द्वारा किए गए सर्व में पाया गया है कि सबसे सुरक्षित वाले देशों की सूची में जापान पहले पायदान पर है। यहां के लोग सुरक्षित तरीके से ड्राइविंग करते हैं। सर्वे में जापान को 4.57 अंक मिले हैं। वहीं, दूसरे स्थान पर नीरदरलैंड ने जगह बनाई है। तीसरा स्थान नॉर्वे को मिला है, जबकि चौथे स्थान पर एस्टोनिया ने जगह बनाई है। टॉप 5 की सूची में अंतिम पायदान पर स्वीडन जगह बनाने में सफल रहा है। मालूम हो कि कपंनी ने सर्वे के दौरान यातायात नियमों के प्रति जागरूकता, सड़क, स्पीड, शराब व अन्य कारकों को शामिल किया था।