नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अब 1 अप्रैल से कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात बंद करने का निर्णय लिया है। जिससे अब कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात बिना आयात शुल्क के नहीं हो सकेगा।
सरकार ने TRQ को वापस ले लिया है और अब अगले महीने से कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात पर आयात शुल्क लगेगा। हालांकि कारोबारियों के मुताबिक आयात शुल्क लागू होने से इसकी कीमतें बढ़ने की संभावना नहीं है। सरकार ने इससे पहले जनवरी महीने में कच्चे सोयाबीन तेल के आयात को TRQ के तहत बंद कर दिया था।
भारत सरकार के वाणिज्य विभाग ने आयात शुल्क मुक्त कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात के कोटे को वापस लेने की अधिसूचना आज जारी कर दी है। जिसके मुताबिक वर्ष 2022—23 के दौरान जारी TRQ की वैधता 31 मार्च 2023 तक रहेगी और अब वर्ष 2023—24 के लिए कच्चे सूरजमुखी तेल के आयात के लिए TRQ का आवंटन नहीं किया जाएगा। एक अप्रैल से कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात करने पर आयात शुल्क देना होगा।
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष शंकर ठक्कर कहते हैं कि TRQ के तहत शुल्क मुक्त आयात बंद होने से अब सूरजमुखी तेल के आयात पर 5 फीसदी आयात शुल्क लगेगा। लेकिन इससे इस तेल के दाम बढ़ने की संभावना नहीं है। क्योंकि निर्यातक देशों के पास बड़ी मात्रा में यह तेल पड़ा है। आयात शुल्क लगने से जितने दाम बढ़ेंगे, उतना ये देश दाम घटा देंगे।
केंद्र सरकार ने पिछले साल मई महीने में खाद्य तेलों की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कच्चे सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात को शुल्क मुक्त करने का फैसला लिया था। सरकार ने मार्च 2024 तक TRQ के तहत 20 लाख टन कच्चा सूरजमुखी तेल और 20 लाख टन ही कच्चा सोयाबीन तेल बिना शुल्क के आयात करने को अनुमति दी थी। इस साल जनवरी महीने में कच्चे सोयाबीन तेल का TRQ के तहत आयात बंद कर दिया गया और अब 1 अप्रैल से कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात बंद किया जा रहा है।