वनकर्मियों का आंदोलन जारी, विभिन्न प्रदेशों से आए 300 पर्यटकों को वापस भेजा

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कोटा। संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर चल रहा वनकर्मियों का आंदोलन शुक्रवार को पांचवे दिन भी जारी रहा। वहीं कोटा से कार्मिक रणथंभौर भी गए। वनकर्मियों ने अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क का गेट शुक्रवार को भी बंद रखा। कार्मिक दिन भर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे रहे।

इस दौरान स्थानीय और जम्मू कश्मीर समेत दूसरे प्रदेशों से आए तकरीबन 300 पर्यटकों को निराश होकर वापस जाना पड़ा। जिससे सरकार को राजस्व की भी हानि उठानी पड़ रही है। जबकि वन संपदा और वन्य जीवों की सुरक्षा पहले ही भगवान भरोसे चल रही है। दूसरी ओर वनकर्मी मांगे माने जाने तक आंदोलन जारी रखने पर अड़े हुए हैं। कार्मिकों ने दिनभर आंदोलन संबंधी गीतों पर नाच गाकर आगे की रणनीति तैयार की और नारेबाजी से आसमान गूंजा दिया।

निराशाजनक बजट: धरने को संबोधित करते हुए सुनीता वर्मा ने कहा कि शुक्रवार को पेश बजट से वनकर्मियों को बेहद उम्मीदें थी। सरकार ने बजट से निराश किया है। यह सरकार की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। कोई भी वनकर्मी नहीं चाहता कि अभेड़ा से पर्यटक वापस जाएं, लेकिन सरकार की हठधर्मिता के कारण ऐसा निर्णय लेना पड़ रहा है। धरने पर दुर्गेश कहार, रेखा चौधरी, सरिता, मनीषा मीणा, अमीना, गायत्री मीणा, रिन्केश वर्मा, सुनीता मीणा, नितेश मेहरा समेत कईं लोग मौजूद रहे।