किसान सम्मान निधि बढ़ाने, कृषि आदानों पर जीएसटी शून्य करने की अपील
कोटा। केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को पेश किए गए बजट को भारतीय किसान संघ ने सामान्य और अपेक्षा से परे बताया है। भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रवक्ता आशीष मेहता ने कहा कि बजट में दूरगामी परिणाम देने वाली कुछ अच्छी योजनाओं की घोषणा हुई है। लेकिन इससे किसानों को तत्काल कोई फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान की दुर्दशा के सामने सरकारी प्रयास नाकाफी हैं, किसानों की अपेक्षा इससे कहीं ज्यादा है।
आशीष मेहता ने कहा कि हाल ही में किसानों ने कोविड के दौरान कोई मुनाफा न कमाते हुए देश और जनता की सेवा की है। उसके बाद उनके सभी इनपुटस में दर वृद्धि के कारण परेशानियां झेल रहा है। आसन्न बजट में किसान की परेशानियों का कोई निदान नहीं मिल पाया है।
किसान सम्मान निधि के तौर पर 2 हजार रुपये की राशि महंगाई के अनुपात में कम पड़ गई है। जिसका मूल्य अब तकरीबन 30 से 40 फीसदी घट गया है। ऐसे में, किसान सम्मान निधि में बढ़ोतरी की जानी चाहिए थी। वहीं इनपुट की जीएसटी में कमी की भी अपेक्षा थी। लेकिन किसानों को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है।
उन्होंने कहा कि सरकार भारतीय प्राकृतिक खेती, अन्न श्री योजना, कृषि ऋण के बारे में मच्छली पालन, बागवानी और गोवर्धन योजना जैसे बहुत ही अच्छे लम्बी- दूरगामी परिणाम देने वाली योजना लाई है। जिसका भारतीय किसान संघ स्वागत करता है। सहकारी समितियां, प्राथमिक मत्स्य समितियां और डेरी सहकारिता समितियों के बारे में जो निवेश की योजना बनाई है। इसमें छोटे किसान और भूमिहीन किसान की आय वृद्धि में सहायक होगा।
किसान डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था हुई है। यह भारतीय किसान संघ की लंबे समय से मांग की पूर्ति हुई है। विशेषकर सारे इनपुटस के गुणधर्म, मूल्य और उपलब्धता के बारे में जानकारी मिलने से किसानों के शोषण की प्रक्रिया बंद होगी।
ऐसी भारतीय किसान संघ अपेक्षा करता है। कृषि उपज को सहकारी समिति के माध्यम से छोटे- छोटे स्थान पर भंडारण के विकेन्द्रीकरण की व्यवस्था के बारे में सरकार ने जो इस बजट में बताया है, उसे तुरंत लागू किया जाए तो अच्छा परिणाम मिलेगा।
आशीष मेहता ने कहा कि भारतीय किसान संघ अपेक्षा करता है कि सरकार बजट चर्चा में किसान सम्मान निधि और कृषि इनपुट में जीएसटी को शून्य करने जैसे विषयों पर पुनर्विचार करके कोई अच्छा निर्णय लेगी। उसके साथ पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने जैसे किसान हितैषी निर्णय लिए जाएंगे। वहीं किसान को उपज के लाभकारी मूल्य और उसकी कानूनी गारंटी के लिए भी कोई घोषणा होगी।