नई दिल्ली। भारत में सोने की मांग कीमत में तेज वृद्धि के बावजूद जुझारू बनी हुई है और 2022 में यह 2.92 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 774 टन रही है। विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 2021 में सोने की कुल मांग 797.3 टन थी।
डब्ल्यूजीसी के भारतीय क्षेत्र के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी आर ने कहा, ‘‘साल की शुरुआत में व्यापार में तुलनात्मक रूप से कमी और उपभोक्ता धारणा कमजोर होने के बाद में शुल्क में वृद्धि और दामों के तेजी से बढ़ने के बावजूद मांग निश्चित ही जुझारू बनी हुई है जो हैरानी की बात है।’’
उन्होंने कहा कि 2022 की अंतिम तिमाही के शुरू होने पर त्योहारों के पड़ने से निवेश मांग बढ़ी। हालांकि, शादी-विवाह सीजन में सोने के आभूषणों पर ज्यादा ध्यान दिया गया।
चौथी तिमाही में भारत में सोने की मांग और पूरे साल 2022 में यह क्रमश: 345 टन और 797.3 टन कम रही। देश में आभूषणों की कुल मांग 2022 में दो फीसदी घटकर 600.4 टन रही जो 2021 में 610.9 टन थी। मूल्य के संदर्भ में यह चार प्रतिशत बढ़कर 2,72,810 करोड़ रुपये रही जो पिछले वर्ष 2,61,150 करोड़ रुपये थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल में कुल निवेश मांग सात प्रतिशत घटकर 173.6 टन रही जो 2021 में 186.5 टन थी। मूल्य के लिहाज से देखा जाए तो सोने की निवेश मांग 2021 के 79,720 करोड़ रुपये से एक प्रतिशत घटकर 78,860 करोड़ रुपये रही है। भारत में 2022 में सोने का पुनर्चक्रण या रिसाइक्लिंग 30 प्रतिशत बढ़कर 97.6 टन हो गई।
सोमसुंदरम पी आर ने कहा, ‘‘घरेलू स्तर पर ऊंची कीमतों के बावजूद सोने की मांग 600 टन रही है जो 2021 की तुलना में महज दो प्रतिशत कम है।’’
चौथी तिमाही में देश में सोने की मांग 2021 की समान तिमाही के 343.9 टन से 22 प्रतिशत घटकर 2022 में 276.1 टन रह गई। मूल्य के लिहाज से यह 15 प्रतिशत घटकर 1,25,910 करोड़ रह गई जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,48,780 करोड़ रुपये थी। उन्होंने बताया कि 2022 में भारत ने कुल 673.3 टन सोने का आयात किया जो 2021 के 924.6 टन से 27 प्रतिशत कम है।