नई दिल्ली। देश की जीडीपी की रफ्तार सुस्त हो सकती है। ये अनुमान सरकार का है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2022-23 में सात प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। एक फरवरी, 2023 को लोकसभा में आम बजट से पहले ये आंकड़े महत्वपूर्ण हैं।
आपको बता दें कि 31 मार्च, 2022 को समाप्त वर्ष में भारत की जीडीपी 8.7% की दर से बढ़ी थी। इस लिहाज से वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी के आंकड़ों में सुस्ती का अनुमान है। पिछले महीने रिजर्व बैंक ने जियो पॉलिटिक्स और ग्लोबली वित्तीय परिस्थितियों को कड़ा करने का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए देश की GDP वृद्धि का अनुमान 7% से घटाकर 6.8% कर दिया था।
रिजर्व बैंक ने 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.8%, तीसरी तिमाही में 4.4% और चौथी तिमाही में 4.2% रहने का अनुमान लगाया था। अप्रैल में आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 7.8% से घटाकर 7.2% कर दिया था, और पिछले साल सितंबर में इसे घटाकर 7% कर दिया था।
किसका क्या अनुमान है: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी जुलाई 2022 में जीडीपी अनुमान 7.4% से घटाकर 6.8% कर दिया था। हालांकि, विश्व बैंक ने सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 6.5% के अपने पहले के अनुमान से बढ़ाकर 6.9% कर दिया है। वहीं, एशियाई विकास बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 7% पर अपरिवर्तित रखा है।