नई दिल्ली। देश में 90 फीसदी कामगारों को पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी है। 8.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियों का प्रबंधन करने वाले पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण ने सरकार से दिहाड़ी मजदूरों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में नामांकित करने की सिफारिश की है।
प्राधिकरण के अध्यक्ष सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने बताया कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, दिहाड़ी मजदूरों में बड़ा हिस्सा डिलीवरी व सेल्स कर्मियों का है। 2022-23 में इनकी संख्या 99 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2019-20 से करीब 45 फीसदी अधिक है।
प्राधिकरण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति बचत योजना एनपीएस को नियंत्रित करती है। 2004 में शुरू इस योजना के 1.67 करोड़ ग्राहक हैं, जिनमें सरकारी व निजी के साथ असंगठित क्षेत्र शामिल हैं।