नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( Reserve Bank of India) ने साइबर सिक्योरिटी फ्रेम का पालन नहीं करके के कारण बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत बीएससी ( Bank of Bahrain & Kuwait BSC) पर 2.66 करोड़ रुपये की पेनेल्टी लगाई है। आरबीआई के पास शिकायत पहुंचने के बाद इसकी जांच की गई, जिसके बाद बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
इस नोटिस के बाद बैंक के जवाब से असंतुष्ट होने के कारण आरबीआई ने उसपर 2.66 करोड़ रूपये की पेनेल्टी लगा दी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि बैंक डाटाबेस में आंतरिक और बाहरी गतिविधियों का पता गाने की प्रणाली को लागू करने में बैंक फेल रहा है। जिसके कारण बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत के इंडियन ऑपरेशन पर ये पेनेल्टी लगाई गई है।
यहां आपको बता दें कि बैंक पर लगाए गए इस भारी भरकम जुर्माने का कोई सीधा असर बैंक के खाताधारकों पर नहीं होगा। यानी बैंक पर लगाए गए इस जुर्माने के खाताधारकों और बैंक के बीच के लेनेदेन पर कोई असर नहीं होगा।
बैंक को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में आरबीआई ने पूछा कि आखिर इस अनियमितता के लिए उनपर पेनेल्टी क्यों न लगाई जाए? बैंक के जवाब से असंतुष्ट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उनपर 2.66 करड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है।
13 अन्य बैंकों पर भी जुर्माना: वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके अलावा 13 अन्य बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है। इन बैंकों पर 50 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। रेगुलेटरी कंप्लांयस की कमी के कारण इन बैंकों पर पेनेल्टी लगाई गई है। जिन बैंकों पर ये जुर्माना लगाया गया है, उसमे बसीन कैथोलिक को ऑपरेटिव बैंक, हरीज नासिक सहकारी बैंक, हलोल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, गुजरात राज्य सहकारी बैंक, नासिक सहकारी बैंक, श्रीवर्धमान सहकारी बैंक, जनता को ऑपरेटिव बैंक, दिल्ली स्टेट सहकारी बैंक, आंध्र प्रदेश सहकारी बैंक, श्रीमहालक्ष्मी को ऑपरेटिव बैंक समेत 13 नाम शामिल है।