लोक सभा अध्यक्ष ने किया करवर तथा इंद्रगढ़ क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं से संवाद
कोटा। संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के प्रवास पर आए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला बुधवार को बूंदी जिले के दौरे पर रहे। उन्होंने इंद्रगढ़ ग्रामीण तथा नगरीय क्षेत्र तथा करवर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रबुद्धजनों से संवाद किया।
इंद्रगढ़ स्थित सहस्त्रफणी पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ परिसर में आयोजित संवाद कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे आमजन के परिवार के सदस्य बन उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें। सामाजिक कार्यकर्ता प्रशासन तथा जनता के बीच महत्वपूर्ण कड़ी बन सामान्य व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य करें।
स्पीकर बिरला ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जो अब तक पात्र लोगों तक नहीं पहुंची हैं। जब इन योजनाओं से अब जरूरतमंद लोगों को लाभान्वित करवाएंगे तो उनके मन में आपके प्रति कभी खत्म नहीं होने वाला विश्वास जागृत होगा। जनता का यही विश्वास हमारी पूंजी है। प्रयास करें कि आपको क्षेत्र के अधिकतम लोगों से सीधा सम्पर्क हो।
बिरला ने कहा कि हमें प्रत्येक गांव में पांच ऐसे युवा तैयार करने होंगे जो अपने कार्य के साथ आमजन के हित को भी प्राथमिकता दें। वे किसान, श्रमिक, वरिष्ठजन, दिव्यांगों, बच्चों, अभावग्रस्तों और जरूरतमंदों की आवाज बन उनकी पीड़ा को दूर करने का प्रयास करें। जहां उनके प्रयास सफल नहीं हो, वहां हमें बताएं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की तकलीफ दूर करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। इलाज से लेकर शिक्षा, सहायक उपकरण से लेकर जरूरतमंद को भोजन और कपड़े की व्यवस्था हम करवाएंगे। कार्यक्रम को भाजपा जिलाध्यक्ष छीतर लाल राणा ने भी संबोधित किया।
राज्य सरकार हमसे कर रही पक्षपात: केशवरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार केशवरायपाटन क्षेत्र से पक्षपात कर रही है। यहां के लोगों के हक को राज्य सरकार ने छीनने का काम किया है। छोटी-छोटी मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है। लेकिन यह संघर्ष अब सिर्फ एक साल का रह गया है। अगले साल जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी तो बिना भेदभाव पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बहेगी।
जैन मंदिर में किए दर्शन: स्पीकर बिरला ने अपने दौरे के दौरान सहस्त्रफणी पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ परिसर के भी दर्शन किए। उन्होंने वहां भगवान महावीर के सिद्धांतों का स्मरण करते हुए सबसे उनके दिखाए मार्ग पर चलने का आव्हान किया। उन्होंने मंदिर की भव्यता की भी सराहना की।