राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडर्स के लिए 10 करोड़ रुपए का उत्थान कोष बनाया
जयपुर। Rajasthan Transgender News: राजस्थान की गहलोत सरकार ट्रांसजेंडर्स की लिंग परिवर्तन सर्जरी यानी सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी (SRS) कराने के लिए ढाई लाख रुपए तक की मदद देगी। यह सर्जरी ट्रांसजेंडर्स की इच्छा पर ही कराई जाएगी। राज्य में 20 हजार से अधिक ट्रांसजेंडर्स हैं। राजस्थान देश का पहला राज्य होगा, जहां ट्रांसजेंडर्स की SRS कराई जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए 10 करोड़ रुपए का उत्थान कोष भी बनाया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि सरकार या तो सर्जरी फ्री करवाएगी या फिर 2.50 लाख रुपए तक का भुगतान करेगी। इच्छुक पात्र ट्रांसजेंडर सामाजिक अधिकारिता न्याय विभाग में आवेदन करेंगे।
बता दें, 11 अक्टूबर को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली की अध्यक्षता में मंत्रालय भवन स्थित सभागार में राजस्थान ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। जूली ने 20 नवंबर को ट्रांसजेंडर दिवस के अवसर पर प्रत्येक जिलों में शिविर लगाकर चिन्हित ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों के पहचान पत्र बनाने तथा उनके लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने के निर्देश प्रदान किए। उन्होंने अधिकारियों को सरलीकृत प्रक्रिया अपनाकर पहचान पत्र बनाने के निर्देश दिए। यदि कोई ट्रांसजेंडर लिंग चेंज सर्जरी करवाना चाहता है तो उसे राज्य सरकार ढ़ाई लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा भी उपलब्ध है।
मंत्री जूली ने जिला स्तर पर गठित समितियों की बैठक नियमित रूप से करवाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारी को निर्देश देने की पाबंद किया। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं का निराकरण करने, नीति निर्धारित करने, नवीन योजनाओं के निर्माण व संचालन के लिये राजकीय विभागों को समुचित परामर्श प्रदान प्रधान कर समाज की मुख्यधारा में गाने के उद्देश्य से राजस्थान ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
इससे पूर्व शासन सचिव डॉ. समित शर्मा द्वारा राज्य सरकार द्वारा ट्रांसजेंडर समुदाय के व्यक्तियों के उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई, जिसके तहत पहचान पत्र जारी करना, वृद्धाश्रम संचालन, पेंशन, कौशल प्रशिक्षण, आवास योजनाओं में स्त्री व पुरूष के समान वर्ग मानते हुये आवंटन करने, भूखण्ड आवंटन में 2 प्रतिशत भूखण्ड आरक्षित रखने, आवासीय कॉलोनियों में 2 प्रतिशत आरक्षण, 2 रूपये की दर से गेहूं उपलब्ध करवाने जैसी अनेक योजनाएं शामिल हैं।