कोटा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) हैंगिंग ब्रिज पर जल्द ही टोल प्लाजा बनाने की कोशिशों में जुट गई है। एनएचएआई ने हैंगिंग ब्रिज पर टोल स्थापित करने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास भेज दिया है।
जिसकी मंजूरी मिलते ही टोल चुकाने के बाद ही कोई वाहन हैंगिंग ब्रिज से गुजर सकेगा। फिलहाल हैंगिंग ब्रिज पर आने-जाने का कोई पैसा नहीं वसूला जा रहा।
कोटा की खूबसूरती और चंबल की अटखेलियां देखने के लिए निर्माण कार्य पूरा होने के बाद से ही हैंगिंग ब्रिज पर मेला सा लगा रहता है, लेकिन एक महीने बाद इस भीड़ पर लगाम लग जाएगी। एनएचएआई हैंगिंग ब्रिज पर आने-जाने के लिए टोल टैक्स वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है।
टोल टैक्स का आंकलन करने के लिए एनएचएआई अधिकारियों ने इस हाइवे पर यातायात के लोड गणना, टोल मार्ग और दूरी की सूचनाएं जुटाकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेज दी हैं।
इस तरह लगेगा टोल
एनएचएआई नियमों के मुताबिक बड़े पुल या स्ट्रक्चर के निर्माण पर दस गुना और बाइपास से गुजरने पर डेढ़ गुना टोल वसूला जाता है। हैंगिंग ब्रिज 1.4 किमी है। इसका दस गुना 14 किमी होगा और 26 किमी बाइपास का डेढ़ गुना 39 किमी। इस तरह कुल 53 किमी का टोल देना होगा गुजरने वाले वाहनों को।
शहर से रोजाना 8 से 10 हजार बाहरी वाहन गुजरते हैं। इनमें 5 से 7 हजार हैवी और 2 से 3 हजार छोटे व्हीकल शामिल हैं। मोटे अनुमान के मुताबिक रोज की टोल वसूली करीब 13 लाख होगी। साल में यह आंकड़ा 45 से 50 करोड़ का होगा।
मंत्रालय करेगा टोल दरें तय
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय हैंगिंग ब्रिज की लागत से एनएचएआई राजस्थान की ओर से भेजी गई सूचनाओं का आंकलन कर तय करेगा कि प्रति वाहन कितना टोल टैक्स वसूला जाए। टोल गणना होने के बाद नवंबर के आखिर तक टोल स्थापित करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
पहले तीन माह लगेगा अस्थाई टोल
ब्रिज की मॉनिटरिंग व कंट्रोलिंग के लिए दोनों सिरों के पास दो टोल प्लाजा बनाए जाएंगे। नोटिफिकेशन जारी होने के तुरंत बाद ई-टेंडरिंग से टोल का तीन माह का अस्थाई कॉन्ट्रेक्ट दिया जाएगा। इसके बाद स्थाई टोल स्थापित होगा।
एनएचएआई राजस्थान के सीजीएम एमके जैन ने बतााय कि सरकार को टोल नोटिफिकेशन के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। नोटिफिकेशन के बाद दोनों हिस्सों पर टोल प्लाजा स्थापित होंगे, पहले तीन माह का अस्थाई ठेका दिया जाएगा।