सात साल की बेटी की रोशन हुई दुनिया, रंगों को पहचानने लगी कोमल

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लोक सभा अध्यक्ष बिरला के प्रयासों से हुआ बालिका का ऑपरेशन

कोटा। रंगाई-पुताई का काम कर किसी तरह घर चला रहे विजय को जब पता चला कि सात साल की बेटी देख नहीं पा रही तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। छोटी-मोटी कमाई से घर के सभी सदस्यों के लिए दोनों वक्त की रोटी जुटाना भी कठिन था, बेटी का इलाज कैसे करवाता।

किसी के कहने पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला से मदद मांगी। आज कोमल की एक आंख का ऑपरेशन हो चुका है। विजय उसे लेकर शनिवार को जब बिरला का आभार जताने पहुंचा तो पिता-पुत्री के चेहरों पर खुशी साफ दिख रही थी।

विज्ञान नगर की गुर्जर बस्ती में किराए के छोटे से मकान में रहने वाला विजय चाहता है कि बेटी कोमल पढ़-लिख जाए। वह किसी तरह फीस की व्यवस्था कर बच्ची को स्कूल भेज रहा है। कुछ समय पूर्व जब कोमल बीमार हुई तो उसे पास के मेडिकल स्टोर से दवा ला दी।

यह दवा रिएक्शन कर गई तबियत ज्यादा बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले गया तो वहां जांच के दौरान पता चला कि कोमल की दोनों आंखों में मोतिया बिंद भी है। गोली के रिएक्शन से बिगड़ी तबियत तो सुधर गई लेकिन आंखों के उपचार के लिए मोटा खर्च सामने आ खड़ा हुआ।

पडौस के लोगों की सलाह पर विजय ने स्थानीय वार्ड पार्षद से सम्पर्क किया तो उसने भी लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास जाने की सलाह दे दी। विजय हिम्मत करके स्पीकर बिरला से मिला और मदद मांगी। कोमल की एक आंख का ऑपरेशन अब हो चुका है। इस आंख के करीब डेढ़ माह में पूरी तरह ठीक होने के बाद दूसरी आंख भी ऑपरेशन होगा।

स्पीकर बिरला का शनिवार को जब संसदीय क्षेत्र कोटा-बूंदी के तीन दिवसीय प्रवास पर कोटा आए तो विजय उनका आभार जताने के बेटी कोमल को लेकर कैंप कार्यालय पहुंचा। विजय ने बताया कि एक आंख के ऑपरेशन पर 42 हजार रुपए का खर्च था।

बिरला की वजह से कोई पैसा नहीं लगा। डेढ़ माह बाद जब कोमल की दूसरी आंख भी ऑपरेशन हो जाएगा तो वह सामान्य बच्चों की तरह देखने लगेगी। बिरला ने विजय से कहा कि उपचार को लेकर कोई चिंता नहीं करें, लेकिन कोमल की शिक्षा में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए।