जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कॉलेज शिक्षा में कार्यरत व्याख्याताओं की लम्बे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए उनका पदनाम परिवर्तित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
इस संबंध में राजस्थान शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालय शाखा) नियमों में संशोधन की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाएगी। इस परिवर्तन के बाद सरकारी महाविद्यालयों में प्रिंसिपल के 25 प्रतिशत पद प्रोफेसर एवं 75 प्रतिशत पद एसोसिएट प्रोफेसरों से चयन द्वारा भरे जाएंगे।
साथ ही, 477 प्रोफेसर के पदों का सृजन भी किया जाएगा। प्रोफेसर के पद पर भर्ती 100 प्रतिशत एसोसिएट प्रोफेसर से पदोन्नति द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए फाइल वित्त विभाग को भिजवा दी है। इससे राज्य सरकार पर 6.77 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा।