-सर्राफा बोर्ड कोटा ने आयोजित किया रक्तदान शिविर
-402 व्यापारियों, कारीगरों, मुनीमों ने किया रक्तदान
कोटा। श्री सर्राफा बोर्ड की ओर से शनिवार को शहर के दो व्यापारिक स्थलों पर रक्तदान शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 402 सर्राफा, स्वर्णकार व्यापारियों, इस कारोबार से जुड़े कारीगरों एवं दुकानों पर काम करने वाले मुनीमों ने उत्साह से रक्तदान किया।
यह जानकारी देते हुए संस्था अध्यक्ष सुरेन्द्र गोयल विचित्र एवं शिविर संयोजक आनंद राठी ने बताया कि यह शिविर अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद, चौथमाता स्वर्ण रजत व्यापार समिति, इंडियन सोशल क्लब, लायंस क्लब कोटा एवं बंगाली स्वर्ण कला समिति के सहयोग से न्यू सर्राफा मार्केट भवन और चौथमाता बाजार में सुबह 11 से शाम 5 बजे तक लगाया गया था। जिसमें सुबह से ही रक्तदाताओं का आना शुरू हो गया था।
विचित्र ने बताया कि चौथमाता बाजार के शिविर स्थल पर रक्तदाताओं की सुबह से ही लाइन लग गई। दो घंटे में ही यहां सौ से अधिक रक्तदान हो गया तो ब्लड बैंक सोसायटी ने हाथ खड़े कर दिए। रक्तदाताओं की लंबी कतार देखते हुए अन्य ब्लड बैंक श्री राम ब्लड बैंक और कृष्णा रोटेरी ब्लड बैंक को बुलाया गया। इसके बाद शाम छह बजे तक रक्तदान शिविर चला। अंधेरा होने पर यह शिविर भी बंद कर दिया।
शिविर प्रभारी आत्मदीप आर्य एवं अरशद अली ने बताया कि चौथमाता बाजार के शिविर में कारीगरों में रक्तदान के प्रति जबरदस्त उत्साह देखा गया। शिविर में स्थानीय पार्षद नसरीन मिर्जा ने उपहार वितरित किए।
सचिव विवेक कुमार जैन ने बताया कि शिविर में सभी रक्तदाताओं को प्रमाणपत्र, स्मृति चिन्ह और उपयोगी उपहार दिया गया। सर्राफा बाजार से जुड़े हुए लोगों के अलावा भी कई अन्य लोगों ने रक्तदान किया।
इस अवसर पर न्यू सर्राफा मार्केट में नागरिक सहकारी बैंक के अध्यक्ष राजेश बिरला ने शिविर में पहुंचकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि सभी व्यापारिक संगठनों को जरुरतमंदों की सहायता के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। बिरला ने सर्राफा बोर्ड को जनसेवा कार्यों में अग्रणी रहने वाली प्रमुख संस्था बताया।
शिविर में चौथमाता स्वर्ण रजत व्यापार समिति के अध्यक्ष आत्मदीप आर्य, सचिव श्याम सोनी, इंडियन सोशल क्लब के अध्यक्ष गुड्डू मरचूनिया, थोक सर्राफा विक्रेता व्यवसायिक संघ के अध्यक्ष अरुण जैन, बंगाली स्वर्ण कला समिति के अरशद अली, लायंस क्लब कोटा एवं तेरापंथ युवक परिषद के प्रमुख पदाधिकारी आदि का विशेष योगदान रहा।