नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार शाम को जुलाई महीने के औद्योगिक इंडेक्स जारी कर दिया है । उद्योग जगत को इसका उत्सुकता से इंतजार रहता है। बताया जा रहा है कि औद्योगिक उत्पादन जुलाई में 2.4 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल पहले जुलाई के दौरान इसमें 11.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से सोमवार को जारी आईआईपी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 3.2 फीसदी बढ़ा। इसके अलावा खनन उत्पादन में जुलाई के दौरान 3.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा बिजली उत्पादन में 2.3 फीसदी की वृद्धि हुई है।
बता दें कि इस साल जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापा गया औद्योगिक उत्पादन 12.3 प्रतिशत बढ़ा, जो आधार प्रभाव (Base effect) के कारण लगातार दूसरे महीने दोहरे अंक में रहा।
पिछले साल अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 13 फीसदी बढ़ा था। इसके बाद, आईआईपी वृद्धि 4.4 प्रतिशत (सितंबर में) से नीचे रही और नवंबर व दिसंबर के महीने में एक प्रतिशत के निम्नतम स्तर को छू गया। इस वर्ष जनवरी में आईआईपी ग्रोथ दो फीसदी, फरवरी में 1.2 फीसदी और मार्च में 2.2 फीसदी थी।
चालू वित्त वर्ष 2022-23 के पहले महीने अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन 6.7 प्रतिशत रही और इसकी के साथ इसमें गति आई। मई 2022 में इसने 19.6% के दोहरे अंक को छू लिया। पिछले साल मई में आईआईपी की वृद्धि 27.6 फीसदी दर्ज की गई थी, जिसका मुख्य कारण निम्न आधार प्रभाव (Low-base effect) था।
बता दें कि यह व्यापक आर्थिक डेटा नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह विनिर्माण, खनन और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है। पिछले महीने जून के लिए आईआईपी डेटा जारी करते हुए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि मार्च 2020 से महामारी के कारण असामान्य परिस्थितियों को देखते हुए पिछले वर्ष की इस अवधि की वृद्धि दर की व्याख्या की गई है।
गौरतलब है कि आईआईपी के त्वरित अनुमान छह सप्ताह के अंतराल के साथ हर महीने की 12 तारीख ( 12 तारीख को छुट्टी है तो उससे एक दिन पहले) को जारी किए जाते हैं। इसे एजेंसियों से प्राप्त आंकड़ों को संकलित कर तैयार किया जाता है। ये एजेंसियां उत्पादक कारखानों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से इनपुट प्राप्त करते हैं।