जयपुर। Tomato Flu in Rajasthan : राजस्थान में बच्चों में टोमैटो फ्लू का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। स्कूली बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक होने की आशंका है। जयपुर समेत कोटा जिले में टोमैटो फ्लू के कई मरीज मिले हैं। संक्रमण को रोकने के लिए राज्य का स्वास्थ्य विभाग एक्टिव दिखाई नहीं दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि केरल में पहली बार टोमैटो का फ्लू सामने आया था। राज्य के सबसे बड़े सवाई मानसिंह हाॅस्पिटल के चिकित्सकों के अनुसार टोमैटो फ्लू सामान्य वायरस की तरह है। बीते कुछ दिनों से संक्रमण के केस अधिक आए है। इसमें फ्लू में मरीज के शरीर पर रैसेश बनते हैं। बुखार आता है। शरीर पर गांठ जैसा महसूस होता है।
त्वचा पर टमाटर जैसे चकते बनते हैं। उन पर तेज खुजली चलती है। चिकित्सकों के मुताबिक वायरल का इंफेक्शन होने पर थकावट, मिचली आना और पतली दस्त की समस्या बढ़ती है। लक्षणों के आधार पर ही इलाज किया जा रहा है। अभी तक इसकी कोई वैक्सीन डेवलप नहीं हुई है।
10 साल से कम उम्र के बच्चों में फैलता है: साइंटिफिक जर्नल ‘द लांसेट’ के अनुसार, भारत में एक नया बुखार या ‘टोमैटो फ्लू’ फैल रहा है। यह 10 साल से कम उम्र के बच्चों में फैलता है। जानकारों के अनुसार ‘टोमैटो फ्लू’ से जान का खतरा ज्यादा नहीं है, मगर यह बेहद संक्रामक है। यह बीमारी क्यों होती है, अभी पता नहीं। एक्सपर्ट्स इसे दुर्लभ संक्रमण बता रहे हैं। कुछ ने कहा है कि यह डेंगू या चिकुनगुनिया का साइड इफेक्ट भी हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, बच्चों में इस बीमारी के फैलने का रिस्क ज्यादा है। ऐसे में बच्चों की हायजीन को लेकर सतर्क रहें।
टोमैटो फ्लू के लक्षण: टोमैटो फ्लू के लक्षण मंकी पॉक्स और चिकन पॉक्स की तरह ही होते हैं। ‘द लांसेट’ के अनुसार, भारत में जो मामले सामने आए, उनमें बच्चों के शरीर पर दाने बन गए। टोमैटो फ्लू का नाम पूरे शरीर में होने वाले लाल और दर्दनाक दानों के आधार पर पड़ा है, जो धीरे-धीरे बड़ा होकर टमाटर के आकार का हो जाता है।
- टोमैटो फ्लू होने पर त्वचा पर टमाटर जैसे चकत्ते भी दिखाई देते हैं।
- मरीजों को त्वचा में जलन की शिकायत रहती है।
- थकान, मितली, उल्टी, दस्त, बुखार, पानी की कमी, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
- शरीर पर गांठ जैसा महसूस होता है।
- तेज खुजली चलती है।
डॉक्टरों ने चकत्तों के दानों की तुलना मंकीपॉक्स से और बुखार के लक्षणों की तुलना डेंगू, चिकनगुनिया और हाथ, पैर और मुंह की बीमारी से की है। शोधकर्ता अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह लक्षण किन वजहों से शरीर पर दिखाई पड़ते हैं।