ज्वेलरी समेत कई जरूरी वस्तुओं पर नया भारतीय मानक ब्यूरो कानून लागू

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नई दिल्ली । बहुप्रतीक्षित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) अधिनियम 12 अक्टूबर से लागू हो गया है। इसके लागू होने से ज्वैलरी जैसी और ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं पर मानकीकरण अनिवार्य रूप से लागू हो गया है। संसद ने पिछले मार्च 2016 में बीआइएस एक्ट पारित किया था।

अभी तक देश में बीआइएस एक्ट 1986 लागू है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पिछले सप्ताह नये कानून के नियमों को अंतिम रूप दिया। उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने एक बयान में कहा कि नया कानून देश में कारोबारी सुगमता को और बढ़ायेगा और यहां व्यवसाय करना आसान होगा।

इसके प्रावधानों से न सिर्फ मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा मिलेगा बल्कि उपभोक्ताओं को अच्छी क्वालिटी की सेवाएं और उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

नये कानून के मुताबिक जनहित में आवश्यक होने या मानव सुरक्षा, पशु अथवा वनस्पति के स्वास्थ्य, पर्यावरण की सुरक्षा या फिर अनुचित व्यापारिक चालों को रोकने अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर जरूरी होने पर सरकार किसी वस्तु या सेवा को अनिवार्य मानकीकरण व प्रमाणीकरण के दायरे में ला सकती है।

बयान के अनुसार कीमती धातुओं की वस्तुओं जैसे ज्वैलरी के लिए हालमार्किग को अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है। नये कानून में आसान अनुपालन मूल्यांकन की कई स्कीमों को मंजूरी दी गई है।

इनमें मानकों के अनुपालन के लिए सेल्फ डिक्लेरेशन भी शामिल है। निमार्ताओं के लिए मानकों के अनुपालन और इसके लिए प्रमाणपत्र पाने का यह आसान तरीका होगा।

नये नियम में एक प्रावधान किया गया है जिसके तहत सरकार बीआइएस के अतिरिक्त कोई अथॉरिटी या एजेंसी नियुक्त कर सकती है जो उत्पादों व सेवाओं के मानकीकरण अनुपालन की पुष्टि करेगी और इसका प्रमाणपत्र जारी करेगी।

एक अन्य प्रावधान के अनुसार अगर किसी उत्पाद पर मानकीकरण का चिन्ह तो है लेकिन उसके मानकों का अनुपालन नहीं किया गया है तो उत्पादों की मरम्मत और इसे वापस मंगाने की जिम्मेदारी तय की गई है। नये कानून में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) को भारतीय राष्ट्रीय मानक संगठन (एनएसबीआइ) कहलाएगा।