स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ गुणों का प्रतिबिंब हैं: बिरला

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लोकसभा अध्यक्ष लेटिन अमेरिका में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करते हुए।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने लैटिन अमेरिका में विवेकानंद की पहली प्रतिमा का अनावरण किया

मेक्सिको सिटी / नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मेक्सिको में हिडाल्गो राज्य के स्वायत्त विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की एक प्रतिमा का अनावरण किया। यह लैटिन अमेरिका में स्वामी जी की पहली प्रतिमा है।

इस अवसर पर बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं और व्यक्तित्व से आज भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में लोग उनसे प्रेरणा ले रहे हैं और उनके आदर्शों पर चलने की शपथ ले रहे हैं।

शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 1893 के भाषण की जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि स्वामीजी ने अपने इस भाषण में भारतीय संस्कृति की विशेषताओं को खूबसूरती से प्रदर्शित किया था। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद का यह संदेश देश और काल की सीमा से परे सम्पूर्ण मानवता के लिए है। इसलिए मेक्सिको में उनकी मूर्ति का अनावरण उनके प्रति हमारे श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है।

स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ गुणों का प्रतिबिंब हैं। बिरला ने कहा कि उनके दिखाए रास्ते पर चलकर चरित्र निर्माण के माध्यम से एक न्यायपूर्ण, समृद्ध और समावेशी दुनिया बनाई जा सकती है।

व्यक्तित्व निर्माण तथा संस्था निर्माण में स्वामी विवेकानंद के योगदान का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि स्वाजी ने व्यक्ति के सर्वोच्च चारित्रिक गुणों के महत्व और संस्थागत मूल्यों को जिस ढंग से परिभाषित वह आज भी प्रासंगिक है । लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि जो सन्देश स्वामीजी ने देश और समाज को दिया है, वो समय और स्थान से परे, हर पीढ़ी को प्रेरित करने वाला है, रास्ता दिखाने वाला है।

समाज में युवाओं की भूमिका पर बिरला ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का युवाओं और युवा शक्ति पर अखंड विश्वास था। उनकी प्रेरणा ने भारत के युवाओं को आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए नई ऊर्जा दी थी। लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने भारत को उसकी ताकत याद दिलाई। अहसास कराया, उसके सामर्थ्‍य और मन-मष्तिष्‍क को पुनर्जीवित किया, राष्ट्रीय चेतना को जागृत किया।

इस मौके पर बिरला ने भारतीय छात्रों से भी बातचीत की, जो प्रतिमा के अनावरण के लिए समारोह में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए थे। उन्होंने पाया कि ये छात्र स्वामी जी की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रेरित हैं। मेक्सिको में लगभग 70 हजार भारतीय छात्र हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं। मैक्सिको की अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण यात्रा के अंत में बिरला ने मेक्सिकन संसद और सरकार को धन्यवाद देते हुए इस यात्रा को आपसी संबंधों को नई ऊर्जा देने का अवसर बनाया।