मुंबई। सीबीआई ने ‘जेट एयरवेज के अरबों रुपये का पीएफ घोटाले का खुलासा किया है। एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि हम इस मामले में प्रकाशित खबरों पर नजर रख रहे हैं।
मुंबई के कांदीवली क्षेत्र स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) आफिस में तैनात सोशल सिक्योरिटी अफसर व कुछ अन्य कर्मियों ने फर्जी तरीके से क्लेम कर काफी कर्मचारियों के कई सौ करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। पीडि़तों में जेट एयरवेज के पायलट, चालक दल के अन्य सदस्य व कर्मी भी शामिल हैं। यह खबर मिड-डे ने ब्रेक की थी।
इस बीच, मामला सामने आने पर ईपीएफओ ने आरोपित अधिकारी बामने को तुरंत निलंबित कर दिया है और पूरे मामले कि विस्तृत जांच के लिए उच्च अधिकारी को नियुक्त किया है। सूत्रों के अनुसार यह घोटाला तीन साल से चल रहा था लेकिन महामारी के दौरान लाकडाउन में इसमें तेजी आई। मामला सामने आने पर अब ईपीएफओ जेट एयरवेज के पायलटों व अन्य कर्मियों से संपर्क कर उनसे पैन कार्ड और बैंक चेक मांग रहा है, ताकि उन्हें पीएफ के पैसे लौटा सके।
मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में: केंद्रीय जांच एजेंसी के एक सूत्र ने बताया कि सीबीआइ ने स्थिति का जायजा लेने के लिए सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टीज (सीबीटी) से भी संपर्क किया है। उधर, ईपीएफओ के सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारी मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं और सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। सीबीआइ के अधिकारी ने कहा कि हम सुबूत खोजने और इकट्ठा करने की प्रक्रिया में हैं ताकि आरोपितों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा सके। यह पूछे जाने पर कि ईपीएफओ के आरोपित कर्मियों की ओर से सुबूत मिटाने की कोशिश हो सकती है, पर उन्होंने कहा कि अगर हमें सुबूत मिटाने के निशान मिलते तो उनके खिलाफ नया मामला दर्ज किया जाएगा।