पणजी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हरियाणा में नेता सोनाली फोगाट के मर्डर केस में गोवा पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। पुलिस ने कर्लीज क्लब के मालिक एडविन नुनेस और ड्रग पेडलर दत्तप्रसाद गांवकर को गिरफ्तार किया। बताया जा रहा है कि इसी ड्रग पेडलर ने सोनाली के सहयोगी सुखविंदर सिंह को ड्रग्स दी थी। वहीं पुलिस ने कर्लीज क्लब के बाथरूम से ड्रग्स भी बरामद किया है।
पुलिस ने दावा किया है कि आरोपियों ने सोनाली फोगाट को रेस्तरां में मेथामफेटामाइन (methamphetamine) नामक ड्रग दी थी। इसके बाद सोनाली की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। इस मामले में पहले से गिरफ्तार सोनाली के पीए सुधीर सांगवान और सुखविंदर को कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं सोनाली फोगाट के परिवार ने कहा कि हम इस मामले को सुशांत मामले की तरह राज नहीं रहने देंगे।
शानिवार को सोनाली मर्डर केस में कर्लीज क्लब के मालिक एडविन नुनेस और ड्रग पेडलर दत्तप्रसाद गांवकर की गिरफ्तारी के साथ मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर चार हो गई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि फोगाट के दो सहयोगियों को मादक पदार्थ की सप्लाई दत्ताप्रसाद गांवकर नाम के व्यक्ति ने की थी। उन दोनों लोगों ने फोगाट को यह ड्रग्स दिया था। अधिकारी ने बताया कि शनिवार को गिरफ्तार किया गया एक अन्य व्यक्ति उत्तरी गोवा जिले में स्थित कर्लीज रेस्तरां का मालिक एडविन न्यून्स है। उसे शनिवार सुबह अंजुना से हिरासत में लिया गया।
गोवा पुलिस ने शुक्रवार को खुलासा किया कि सोनाली फोगाट के ड्रिंक में MDMA (methylenedioxy methamphetamine) ड्रग मिलाया गया था। गोवा पुलिस के मुताबिक पूछताछ में सांगवान और वासी ने कबूल किया है कि उन्होंने पार्टी से पहले बॉटल में 1.5 ग्राम एमडीएमए मिलाया था। फोगाट ने उसी बॉटल से लिक्विड पिया था। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि फोगाट को बॉटल दिया जा रहा है लेकिन वह उससे पीना नहीं चाहती हैं।
फुटेज से लग रहा है कि उन्हें जबरन ड्रग दिया जा रहा है। गोवा पुलिस ने दावा किया है कि सुधीर सांगवान और सुखविंदर ने कर्ली रेस्टोरेंट में पार्टी के दौरान फोगाट के ड्रिंक में ड्रग मिलाया था और आखिरकार यह उनकी मौत की वजह बनी। अब सवाल उठता है कि क्या दोनों आरोपियों ने सोनाली फोगाट की हत्या के लिए ही उन्हें ड्रग दिया था? या फोगाट ने खुद ड्रग मंगाया था? अगर खुद मंगाया था तो उन्हें दोनों आरोपी जबरन ड्रग मिला हुआ ड्रिंक क्यों पिला रहे थे? पुलिस इन सवालों के जवाब तलाश रही है। ड्रग पेडलर की गिरफ्तारी से इसमें आसानी होगी।
नए-नए खुलासे और गिरफ्तारियों के बाद अब इतना तो साफ हो गया है कि सोनाली फोगाट की हत्या की गई। लेकिन हत्या के पीछे मकसद क्या था, यह साफ नहीं हो पाया है। पुलिस इसका जवाब तलाशने में लगी है। संयोग से फोगाट की मौत के कुछ घंटे बाद ही हरियाणा के हिसार स्थित उनके फार्म हाउस से लैपटॉप और डीवीआर गायब हो गए। क्या लैपटॉप और फार्म हाउस के सीसीटीवी कैमरों में कुछ ऐसे राज छिपे थे जो सोनाली की हत्या के पीछे मकसद का सुराग दे सकते थे?
सीसीटीवी से यह भी साफ हुआ है कि 23 अगस्त को जिस दिन सोनाली फोगाट की मौत हुई उस दिन तड़के साढ़े 4 बजे सांगवान और सुखविंदर उन्हें कर्ली रेस्टोरेंट के वॉशरूम में ले गए थे। उस समय फोगाट लड़खड़ाकर लंगड़ाते हुए चली दिख रही हैं। वॉशरूम में तीनों 2 घंटे तक रहे। उस दौरान आखिर क्या हुआ? वॉशरूम में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे तो क्या जानबूझकर उन्हें वहां ले जाया गया? आखिर दोनों आरोपी सोनाली फोगाट को लेकर वॉशरूम में 2 घंटे तक क्या कर रहे थे? पुलिस इसका जवाब तलाश रही है।
सोनाली फोगाट को वॉशरूम ले जाने से कुछ मिनट पहले का एक छोटा सा वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में दिख रहा है कि फोगाट लाल रंग के टॉप और ब्लू शॉर्ट्स में लंगड़ाते हुए चलती दिख रही हैं। एक शख्स उन्हें सहारा देता हुआ दिख रहा है। माना जा रहा है कि वह शख्स कोई और नहीं, सुधीर सांगवान ही थी। एक और आरोपी हरविंदर भी उस जगह मौजूद था क्योंकि सीसीटीवी कैमरे में वह भी कैद है। यह वीडियो तड़के 4 बजकर 27 मिनट का है।
ऑटोप्सी रिपोर्ट में फोगाट के शरीर पर ‘गहरी चोट’ के निशान पाए गए। ऐसे निशान किसी भोथरी यानी ब्लंट ऑब्जेक्ट के दबाव के कारण, हमले के कारण बनते हैं। ऑटोप्सी रिपोर्ट के बाद ही गोवा पुलिस ने मर्डर का केस दर्ज किया। आखिर फोगाट के शरीर पर चोट के निशान कैसे आए? क्या उन पर किसी भोथरी चीज से हमला किया गया था?
कहीं वॉशरूम में उनके ऊपर हमला तो नहीं किया गया? पुलिस इन सवालों से भी जूझ रही है। गोवा पुलिस के आईजी बिश्नोई ने शुक्रवार को कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के सही कारण का उल्लेख नहीं किया गया है, ऐसे में विसरा, हिस्टोपैथोलॉजिकल और सीरोलॉजिकल रिपोर्ट की रासायनिक जांच के बाद ही वजह साफ हो पाएगी।
क्या है एमडीएमए?
एमडीएमए (मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन) को केवल एमडी या एक्स्टसी भी कहा जाता है। यह एक खतरनाक ड्रग्स है। इस मादक पदार्थ के बारे में कहा जाता है कि यह 2500 से 3000 हजार रुपए प्रति ग्राम में बिकता है और कोकीन के बाद सबसे महंगा ड्रग है। डॉक्टरों का कहना है कि एमडीएमए का नशा सिर पर चढ़ जाता है और लगातार इसके सेवन से तनाव रहने लगता है। यह नशा करने वाला धीरे-धीरे डिप्रेशन में चला जाता है। आज की युवा पीढ़ी के लिए एमडीएमए एक मशहूर पार्टी ड्रग है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसे इस्तेमाल करने के बाद ऑक्सीटोसिन और डोपेमिन जैसे हैप्पी हॉर्मोन रिलीज होते हैं और शरीर में काफी एनर्जी महसूस होती है। इसका अधिक इस्तेमाल मौत का कारण भी बन सकता है।