रियल एस्टेट और होटल इंडस्ट्री से सबसे ज्यादा 90% शिकायतें हैं, दरअसल, बिल्डरों द्वारा जीएसटी में 12 फीसदी की जगह 18 फीसदी टैक्स और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट पर भी पूरा जीएसटी वसूला जा रहा है।
नई दिल्ली। अब उन बिल्डर और होटल वालों की खैर नहीं है जो जीएसटी लागू होने के बाद मुनाफा खोरी कर रहे हैं। ऐसा पता चला है कि ये लोग जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स दरों में कमी का फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं या लोगों से मनमाने तरीके से जीएसटी वसूल रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मुनाफाखोरी की जितनी शिकायतें मिली हैं, उनमें रियल एस्टेट और होटल इंडस्ट्री से सबसे ज्यादा 90% शिकायतें हैं। दरअसल, बिल्डरों द्वारा जीएसटी में 12 फीसदी की जगह 18 फीसदी टैक्स और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉजेक्ट पर भी पूरा जीएसटी वसूलने की शिकायतें आई है।
वहीं होटल इंडस्ट्री के खिलाफ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) नहीं देने की शिकायत मिल रही है। जीएसटी लागू होने के बाद कई प्रॉडक्ट के दाम होटलों ने नहीं घटाए हैं। इससे सरकार काफी परेशान है।
पहले भी किया था अलर्ट: सरकार ने जीएसटी का फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए बिल्डरों पर मुनाफाखोरी का डंडा चलाने को लेकर अलर्ट किया था। सरकार ने एक विज्ञापन जारी कर साफ किया था कि जीएसटी में बिल्डरों को कई तरह के टैक्स से राहत मिल गई है।
कंस्ट्रक्शन मटिरियल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, वैट और एंट्री टैक्स की बजाय अब सिर्फ जीएसटी लगता है। पहले ये सभी टैक्स फ्लैट की कीमत में जोड़कर ग्राहकों से वसूले जाते थे। अब इस बचत का फायदा घर खरीदार को मिलना चाहिए। मगर अधिकतर बिल्डर ऐसा नहीं कर रहे हैं। ऐसे बिल्डर्स पर जीएसटी कानून के तहत मुनाफाखोरी का मामला चल सकता है।
होटल इंडस्ट्री पर दबाव: होटल इंडस्ट्री के खिलाफ शिकायतें मिली हैं कि वे मनमाने तरीके से ग्राहकों से जीएसटी वसूल रहे हैं। इसमें होटल के किराये से लेकर फूड आइटम्स पर जीएसटी की वसूली शामिल है। हालांकि होटल के किराये और फूड पर जीएसटी को लेकर सरकार कई बार सफाई दे चुकी है।
मगर होटल वालों का कहना है कि जीएसटी के बाद होटल के कारोबार में काफी कमी है। 7500 रुपये रोज से ज्यादा के किराए वाले होटलों और रेस्तरां पर 28 फीसदी जीएसटी लगने से ग्राहक कम हो गए हैं। साथ ही जिस शहर में रजिस्ट्रेशन नहीं है वहां के स्टे और इवेंट पर इनपुट क्रेडिट नहीं मिलता है।
होटल मालिकों ने अपनी चिंताएं सीबीईसी यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम के सामने रखी हैं। कारोबारियों को उम्मीद है कि सरकार कुछ राहत भरे फैसले करेगी।
अब नहीं बढ़ेगी रिटर्न फाइल की तारीख
सरकार ने जीएसटी रिटर्न (GSTR) दाखिल करने की तिथि बढ़ाने से इनकार कर दिया है और साथ ही दिवाली से पहले तक रिटर्न दाखिल करने को कहा है। सरकार की ओर से शुक्रवार को कहा गया कि GSTR-3बी दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।
सरकार ने यह भी कहा कि रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा, जो कि टैक्स चोरी और ब्लैक मनी के प्रॉडक्शन का बड़ा क्षेत्र है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने कहा है कि सितंबर का GSTR-3बी दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई नहीं जाएगी। सीबीईसी ने कारोबारियों से कहा है कि वे आखिरी तारीख का इंतजार न करें।