कोटा। शहर के समीप रावतभाटा में 2000 करोड़ की लागत से भारत सरकार द्वारा न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। यह हैदराबाद के बाद देश का सबसे बड़ा कांपलेक्स होगा।
यह जानकारी दी एसएसआई एसोसियशन की ओर से न्यूक्लियर फ्यूल पर (Seminar on Nuclear Fuel) आयोजित सेमिनार में प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्प्लेक्स हैदराबाद के चेयरमैन ने दी। मुख्य कार्यकारी डॉ. दिनेश श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई और कृषि एवं उद्योग का सबसे ज्यादा योगदान है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में यूरेनियम का भारी मात्रा में भंडार मिला है जो इस प्लांट में सबसे ज्यादा काम आता है। यूरेनियम कैंसर जैसी असाध्य बीमरियों के इलाज एवं पर्यावरण के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे बिजली के उत्पादन में भी पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है। साथ ही जो बिजली की अंतरराष्ट्रीय दर 4.40 पैसे हैं, उसी दर पर बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इतना ही नहीं इससे बिजली की दरों में भी कमी की जा सकती है। साथ ही इसके उपयोग से कृषि का उत्पादन दुगना एवं फलों और सब्जियों को अधिक दिन तक ख़राब होने से बचाया जा सकता है।
रावतभाटा में उत्पादन शुरू होने के बाद भी हमें कई चीजों पर हैदराबाद पर निर्भर होना पड़ता था, लेकिन हम चाहते हैं कि कोटा का एमएसएमई सेक्टर आगे आए। ताकि, इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और मजबूत हो। यहां के लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने न्यूक्लियर फ्यूल काम्पलेक्स की उपयोगिता के बारे में उद्यमियों को समझाया।
दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल अध्यक्ष राजकुमार जैन और सचिव अनीश बिड़ला ने कहा कि इस प्लांट के प्रारंभ होने से हाडौती में उद्योगों का जाल बिछा जाएगा और कोटा में वृहद उद्योगों की स्थापना होगी। एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि न्यूक्लियर फ्यूल काम्पलेक्स की स्थापना से क्षेत्र में कृषि, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से भी इसकी उपयोगिता सार्थक सिद्ध होगी। बिजली भी हमें सस्ती दरों पर मिल सकेगी।
एसोसिएशन के संरक्षक प्रेम भाटिया निर्वाचित, अध्यक्ष अमित सिंघल और पूर्व अध्यक्ष जम्बू कुमार जैन, कायस्थ समाज के कुलदीप माथुर ने मुख्य अतिथि वैज्ञानिक डॉ. दिनेश श्रीवास्तव सहित सभी वैज्ञानिकों का माला पुष्प हार एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सेमिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में वैज्ञानिक श्रीनिवासाराव राजा रमण फेलो, जी प्रसाद राव सलाहकार सीई, पीए प्रताप परियोजना निदेशक एन एफ सी कोटा, वीवी महेश कुमार महाप्रबंधक सेफ्टी कोटा, बीएसवीएस कामेश्वरा, महाप्रबंधक एनएफसी कोटा, जेवी राजकुमार उप महाप्रबंधक एनएफसी कोटा, डॉ. एम राजशेखर अधीक्षक इंजीनियर, एनएफसी कोटा, डॉ. एमएल परिवार प्रबंधक एनएफसी कोटा प्रमुख रूप से उपस्थित थे