जयपुर। गहलोत सरकार राजस्थान में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया है। इससे यहां के पर्यटन क्षेत्र को विकास के नए अवसर मिलेंगे। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने घोषणा की है कि राज्य में पर्यटन अब उद्योग माना जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने राजस्थान में पर्यटन सेक्टर के लिए कई सारी छूटों की भी घोषणा की है।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, ”राजस्थान में हमने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। राजस्थान सरकार राज्य में पर्यटन के विकास द्वारा रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए संकल्पित है। राजस्थान में निवेशकों के लिए बेहतरीन संभावनाएं हैं। पधारो म्हारे देश।”
राजस्थान में पर्यटन सेक्टर को मिलेंगी ये छूटें
- बिजली आपूर्ति वाणिज्यिक के स्थान पर औद्योगिक दर पर, बिजली बिल पर एक तिहाई तक राहत।
- नगरीय विकास कर अब वाणिज्यिक के स्थान पर औद्योगिक दर पर।
- थ्रस्ट सेक्टर के लाभ में 5 करोड़ से अधिक के निवेश पर 25 लाख पूंजीगत सब्सिडी अथवा 5 वर्ष तक 5 फीसदी ब्याज सब्सिडी।
- हैरिटेज होटलों को बार शुल्क में विशेष छूट।
- स्टाम्प ड्यूटी व भूमि परिवर्तन शुल्क में 100 फीसदी छूट।
- राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निवेश सब्सिडी, रोजगार सृजन सब्सिडी, विद्युत एवं भूमि कर में छूट।
- फिल्म निर्माताओं को 2 करोड़ तक की सब्सिडी।
- गेस्ट हाउस योजना में आवासीय भवनों में पर्यटकों के लिए 6 से 20 कमरों की मंजूरी।
- होम स्टे योजना में आवासीय भवनों में पर्यटकों के लिए 1 से 5 कमरों की मंजूरी।
- मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पर्यटन इकाइयों को लोन पर ब्याज दर में 8 फीसदी तक सब्सिडी।
बढ़ेंगे रोजगार के मौके: राजस्थान पर्यटन की मामले में काफी समृद्ध राज्य है। यह राज्य अपने समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत, धार्मिक स्थलों, प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन दुर्गों, महलों, स्वादिष्ट व्यंजन और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। राजस्थान में सबसे अधिक 22 मेले लगते हैं। यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। राजस्थान के पर्यटन सेक्टर में विकास की अपार संभावनाए हैं। सरकार द्वारा पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और कई सारी छूटों से यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।