जयपुर। देश में मानसून के आगे बढ़ने की स्थिति अभी अनुकूल है। दक्षिण-पश्चिमी मानसून आगे बढ़ते हुए राजस्थान की सीमा के नजदीक पहुंच चुका है। ये सीमा राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना एरिया के नजदीक से गुजर रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 22 जून तक प्रदेश में मानसून की एंट्री हाड़ौती अंचल के रास्ते से हो सकती है। आपको बता दें कि पिछले साल 2021 में भी मानसून की एंट्री उदयपुर, झालावाड़ के रास्ते 18 जून को हुई थी।
राजस्थान में भले ही मानसून की एंट्री पिछले साल की तुलना में इस साल थोड़ी देरी से हो रही हो, लेकिन प्री-मानसून के बादलों ने अब तक की बारिश का कोटा पूरा कर दिया। राजस्थान में अमूमन 20 जून तक जितनी बारिश होती है उससे 23 फीसदी ज्यादा बरसात अब तक हो चुकी है। पश्चिम और दक्षिण राजस्थान के कई जगहों पर तो तेज बारिश के बाद बांध, झरने और नदियाें में पानी की आवक शुरू हो गई। ऐसे में लोगों के लिए ये प्री-मानसून की बारिश एक अच्छे मानसून के आने का संकेत दे रहे है।
राजस्थान में 1 जून से 20 जून तक सामान्यत: औसतन 25.1MM बरसात होती है, लेकिन इस बार अब तक 30.8MM औसत बरसात हो चुकी है, जो सामान्य से 23 फीसदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा बरसात पिछले एक सप्ताह के दौरान हुई, जिससे इस प्री-मानसून की बारिश का कोटा पूरा हो गया। मौसम केन्द्र का अनुमान है इस वर्ष भी प्रदेश में मानसून की एंट्री झालावाड़ से सकती है।
चम्बल में शुरू हुई पानी की आवक
चम्बल नदी में पानी की आवक शुरू हो गई, जिसके चलते इन पर बने बांधों का जलस्तर बढ़ने लगा है। चित्तौड़गढ़ के राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर 347.16 से बढ़कर 347.91 आरएल मीटर तक पहुंच गया। इस तरह बांध में 42114 क्यूसेक से ज्यादा पानी आया।