नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश की वृद्धि राजकोषीय खर्च से संचालित होगी। चीन की अध्यक्षता में ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नर्स (एफएमसीबीजी) की दूसरी बैठक में ऑनलाइन शिरकत करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को संवाद में शामिल होने और एक स्थायी और समावेशी पुनर्निर्माण के लिए अनुभवों, चिंताओं और विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए एक मंच के रूप में काम करना जारी रखना चाहिए।
भारत के विकास के दृष्टिकोण पर बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि आर्थिक विकास को वित्तीय खर्च के साथ-साथ निवेश को बढ़ावा देने से मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि को वित्तीय खर्च के साथ निवेश प्रोत्साहन से समर्थन मिलता है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत व्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.9 प्रतिशत कर सार्वजनिक निवेश को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा ब्रिक्स के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर ने बुनियादी ढांचा निवेश, नव विकास बैंक, ब्रिक्स आकस्मिक आरक्षित व्यवस्था (सीआरए) जैसे वित्तीय मुद्दों पर भी चर्चा की।