शाहरूख खान के बेटे आर्यन को छोड़ने के लिए कोई वसूली नहीं की गई : NCB

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नई दिल्ली। Aryan Khan drug Case: शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को क्लीन चिट मिलने के बाद भी इस मामले पर अभी भी रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एनसीबी को विवादास्पद ड्रग्स-आन-क्रूज मामले में एजेंसी की मुंबई यूनिट द्वारा आशंका के बाद आर्यन खान को छोड़ने के लिए पैसे वसूलने के आरोप की पुष्टि करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है।

एक गवाह प्रभाकर सेल ने एक हलफनामे और मीडिया के साथ बातचीत में दावा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए कथित तौर पर 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, इसके तुरंत बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के महानिदेशक एस एन प्रधान द्वारा सतर्कता जांच का आदेश दिया गया था।

आर्यन खान, जिसे पिछले साल 2 अक्टूबर को कार्डेलिया क्रूज छापे के दौरान पकड़ा गया था और 22 दिन जेल में बिताया था। पिछले हफ्ते एजेंसी ने पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण आर्यन खान को क्लीन चिट दे दी थी।

गवाह प्रभाकर सेल जो अब मर चुका है ने आरोप लगाया था कि उसने केपी गोसावी उसके नियोक्ता और मामले के एक गवाह को सैम डिसूजा नाम के एक व्यक्ति के साथ फोन पर बात करते हुए सुना था। इस मामले को अंततः 18 करोड़ रुपये में डील किया जा रहा था। इसमें से 8 करोड़ रुपये मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को देने थे।

40 वर्षीय प्रभाकर सेल की अप्रैल में मौत हो गई थी और पुलिस ने कहा कि उसकी मौत का कारण दिल का दौरा था। सेल ने दावा किया था कि 3 अक्टूबर, 2021 को उन्होंने गोसावी को सैम के साथ शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी से मिलते हुए देखा था।

उन्होंने अपने हलफनामे में कहा कि उन्होंने दो बैग एकत्र किए जो बाद में उन्हें 38 लाख रुपये नकद मिले थे। जबकि वानखेड़े ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है। गोसावी वर्तमान में महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दायर एक कथित धोखाधड़ी मामले में पुणे की जेल में बंद है।

सूत्रों ने कहा कि सतर्कता जांच में कथित तौर पर पाया गया है कि आर्यन खान के परिवार से जबरन वसूली के आरोप सही नहीं थे। क्योंकि आरोप की पुष्टि करने वाले के पास कोई तकनीकी सबूत नहीं थे।

कथित साजिश में प्रभाकर सेल द्वारा नामित लोगों ने ऐसी किसी भी धमकी या रिश्वत की मांग से इन्कार करते हुए बयान दिए थे।एनसीबी के उप महानिदेशक (उत्तरी क्षेत्र) ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा की गई इस सतर्कता जांच की अंतिम रिपोर्ट जल्द ही डीजी प्रधान को सौंपे जाने की उम्मीद है।