नई दिल्ली। सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए अब एक और नियम लागू कर दिया है। एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा और निकासी पर यह नियम बुधवार से लागू हो गया है। ऐसे मामले में ग्राहक को पैन कार्ड या आधार देना जरूरी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना में कहा कि यह नियम बैंक, डाकघर या सहकारी सोसायटी में खोले गए एक या फिर उससे ज्यादा सभी खातों पर लागू होगा।
हर व्यक्ति को इसका पालन करना होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि चालू वित्त वर्ष में 26 मई से पहले हुए लेनदेन पर नया नियम लागू होगा या नहीं। अब तक बैंक अधिकारियों को सुनिश्चित करना होता है कि जो व्यक्ति पैसा जमा कर रहा है या निकाल रहा है, उसके पास पैन कार्ड है या नहीं।
वैसे अभी तक साल में नकदी जमा करने या निकालने के लिए सीमा तय नहीं थी। जिस पर पैन या आधार की जरूरत हो। इससे बड़े पैमाने पर नकदी को इधर से उधर किया जाता था। हालांकि एक दिन में 50 हजार रुपये की निकासी या जमा पर यह नियम जरूर लागू था।
इसके पीछे सरकार का मकसद नकदी के लेन-देन का पता करना है। यह नियम केवल बैंकों या डाकघर के लिए ही नहीं होगा, बल्कि सहकारी सोसाइटियों पर भी लागू होगा। इसी के साथ अगर आप नया चालू खाता खोलते हैं तो उसके लिए भी पैन जरूरी कर दिया गया है।
जानकारों का मानना है कि इस नए नियम के तहत सरकार अर्थव्यवस्था में नकदी को रोकने की कोशिश करेगी। सालाना विवरण (एआईएस) और टीडीएस के सेक्शन 194 एन के जरिये सरकार पहले से ही इसे ट्रैक कर रही है। पर अब बहुत ही आसानी से नकदी के लेन-देन का पता लगाया जा सकेगा।
छोटे लेनदेन के जरिये टैक्स चोरी
नोटबंदी के बाद से भी बड़े पैमाने पर छोटे लेनदेन हो रहे हैं। इसका पता लगा पाना सरकार के लिए आसान नहीं था। इससे बड़े पैमाने पर कर चोरी होती थी। पर अब नए नियम से एक-एक रुपये तक के लेनदेन का पता किया जा सकता है। सरकार ने पैन और आधार कार्ड को लिंक कर दिया है। इसलिए पैन की जगह आधार कार्ड भी इस लेनदेन के लिए मान्य होगा।