चिकित्सकों को देश में सुरक्षित माहौल की जरूरत : मुख्य न्यायाधीश रमणा

0
156

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने डाक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा तथा झूठे मामले दर्ज किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। सीजेआई ने कहा, डाक्टरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखकर मुझे बेहद दुख होता है। ईमानदार और मेहनती डाक्टरों के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। उन्हें काम करने के बेहतर और अधिक सुरक्षित माहौल की जरूरत है।

डा. कर्नल सीएस पंत और डा. वनीता कपूर द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘एटलस आफ ब्रेस्ट इलास्टोग्राफी एंड अल्ट्रासाउंड गाइडेड फाइन नीडल साइटोलाजी’ के विमोचन के अवसर पर जस्टिस रमणा ने कहा कि वे डाक्टरों की अटूट भावना के प्रति भी सम्मान व्यक्त करना चाहेंगे, जो अपने मरीजों के लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं देश की आबादी का 50 फीसदी हैं। वे परिवार और समाज की रीढ़ हैं। इसलिए उनके स्वास्थ्य को समाज तथा नीतियों में समान रूप से स्थान मिलना चाहिए।

जस्टिस रमणा ने कहा, लोग विशेष रूप से घर में महिलाएं, अपने स्वास्थ्य को छोड़कर सभी के स्वास्थ्य का ख्याल रखती हैं। परिवार के अन्य सदस्यों, विशेष रूप से पति और बच्चों का यह कर्तव्य है कि वे उसे नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए भेजें। इससे वह अपने शरीर और स्वास्थ्य को समझने की स्थिति में हो सकेगी।

स्तन कैंसर से निपटने के लिए कदम उठाए सरकार
आइएएनएस के अनुसार, जस्टिस रमणा ने कहा कि सरकार को स्तन कैंसर से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाना चाहिए। यह बीमारी समाज में चिंता का एक प्रमुख कारण बनती जा रही है। सरकार को इस मुद्दे से निपटने के लिए एक रोडमैप विकसित करना चाहिए। सामाजिक-आर्थिक कारणों को देखते हुए यह रोग पूरे परिवार के लिए अभिशाप बन सकता है।

गलतियों की गुंजाइश को मानने की जरूरत
इंस्टीट्यूट आफ लीवर एंड बाइलरी साइंसेज के कुलपति शिव सरीन ने शनिवार को प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा से डाक्टरों की रक्षा करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी गलतियों की गुंजाइश को मानने की जरूरत है। उनके खिलाफ लापरवाही के मामलों से अलग तरीके से निपटा जाना चाहिए। मेरा अनुरोध है कि डाक्टरों की रक्षा करें और उनके प्रति दयालु रहें।