जयपुर। राजस्थान में सवर्ण जातियों के लोगों को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र (Economically Weaker Section) अब 3 वर्ष में एक बार बनवाना होगा। वर्ष 2019 से ईडब्ल्यूएस (EWS) आरक्षण शुरू हुआ था। तब से 1 वर्ष की वैधता का ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाया जाता रहा है। लेकिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने चुनाव से डेढ़ वर्ष पूर्व से सवर्ण जातियों के लिए बड़ा फैसला करते हुए इसके नियम में बदलाव किया है।
यानी एक बार ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनने के बाद 3 वर्षों तक काम में लिया जा सकेगा। इससे पूर्व इसकी वैधता 1 वर्ष ही थी। सोशल मीडिया पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर बदलाव के कई तरह के मैसेज वायरल हो रहे हैं। युवा वर्ग ऐसे वायरल मैसेज को अनदेखा करें। इसके स्थान पर विभाग की ओर से जारी परिपत्र को पढ़कर, इसे समझा जा सकता है।
पुराने वाले सर्टिफिकेट को ही मान्यता
नए नियम के अनुसार यूं तो तीन वर्ष तक इस सर्टिफिकेट की वैधता है लेकिन इस दौरान प्रार्थी को आगामी वर्ष में भी आर्थिक कमजोर वर्ग के निर्धारित मापदंडों के अनुसार पात्रता पूरी करने का सत्यापित शपथ पत्र पेश करना होगा। जिसके बाद पुराने वाले ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को ही मान्यता मिल जाएगी। ऐसा केवल 3 वर्ष के लिए किया जा सकता है। जैसे ही ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को बने हुए 3 वर्ष पूरे हो जाएंगे उसके बाद पुनः ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाना होगा।
प्रतिवर्ष बनाने का झंझट खत्म
सवर्ण जातियों को राहत प्रदान कर देने वाला यह निर्णय शुक्रवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग राजस्थान सरकार के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने जारी किया है। ऐसे में प्रतिवर्ष ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाने का झंझट खत्म हो जाएगा। और एक बार ईडब्ल्यूएस बनवाने के बाद 3 वर्ष तक उपयोग में लिया जा सकेगा।