इंडोनेशिया से कच्चे पाम तेल और आरबीडी पाम तेल के निर्यात पर रोक नहीं

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नई दिल्ली। पाम तेल (Palm Oil) की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट इस अंदेशे के चलते आई है कि खाद्य तेल के निर्यात पर इंडोनेशिया (Indonesia) का अचानक प्रतिबंध लगाना, आशंका के अनुरूप सख्त नहीं होगा। इंडोनेशिया पाम तेल का टॉप प्रॉड्यूसर है।

इंडोनेशिया केवल थोक और पैकेज्ड आरबीडी पॉम ओलिन के निर्यात को रोकेगा, जो एक उच्च मूल्य वाला उत्पाद है और जिसे प्रोसेस्ड किया गया है। मामले से परिचित लोगों के अनुसार, कच्चे पाम तेल और आरबीडी पाम तेल के निर्यात की अभी भी अनुमति रहेगी। इंडोनेशिया के कुल पाम तेल निर्यात में आरबीडी ओलीन का हिस्सा 30% से 40% है।

इंडोनेशिया ने शुक्रवार को कहा था कि खाना पकाने के सभी तेलों के निर्यात पर 28 अप्रैल से प्रतिबंध शुरू होगा और तब तक चलेगा जब तक कि सरकार घरेलू कमी को हल नहीं कर लेती। इसके बाद वायदा कारोबार में पाम तेल का भाव चढ़ गया था। हालांकि इंडोनेशिया की यह घोषणा बाजार के लिए एक झटके के रूप में आई क्योंकि पूर्ण प्रतिबंध से वैश्विक खाद्य मुद्रास्फीति और बढ़ जाएगी और फसल बाजारों में अस्थिरता बढ़ जाएगी, जो अभी भी युद्ध से जूझ रहे हैं।

पाम तेल का वायदा भाव
जुलाई डिलीवरी के लिए पाम तेल की कीमत कुआलालंपुर में शुरुआती कारोबार में 7% उछली लेकिन फिर यह 4.1% की गिरावट के साथ 6,097 ringgit (1,399 डॉलर) प्रति टन पर आ गई। कीमतें 2.1% गिरकर बंद हुईं। पाम का निकटतम प्रतिद्वंदी सोयाबीन तेल शिकागो में सर्वकालिक उच्च स्तर से नीचे आ गया। ऑयल पाम ट्री के फलों को कुचलकर कच्चा पाम ऑयल बनाया जाता है। कच्चे पाम तेल की प्रोसेसिंग से रिफाइन्ड, ब्लीच्ड और गंधहीन पाम तेल का उत्पादन होता है, जिसे आगे आरबीडी पाम ओलीन में प्रोसेस किया जा सकता है। RBD पाम ओलीन का उपयोग मुख्य रूप से खाना पकाने के तेल के रूप में और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों की इंडस्ट्रियल फ्राइंग में किया जाता है।

इंडोनेशिया में सड़क पर लोग
खाद्य तेलों की स्थानीय कमी ने इंडोनेशिया को झकझोर दिया है, जिसके कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें काफी ऊंची हो गई हैं। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। साथ ही भ्रष्टाचार के एक मामले में एक व्यापार अधिकारी को हिरासत में लिया गया है। खाद्य कीमतों का प्रबंधन राष्ट्रपति जोको विडोडो के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता है। कुछ ही दिन पहले, उद्योग मंत्रालय ने कहा कि घरेलू खाना पकाने के तेल के उसके वितरण ने राष्ट्रीय मांग को पूरा किया है, जिससे निर्यात प्रतिबंध और भी अप्रत्याशित हो गया है।