यूक्रेन पर रूस के हमले से महंगा हो सकता है सब्जियों में लगने वाला तड़का

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नई दिल्ली। यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई चल रही है। वहां गोले बरस रहे हैं। इसका एक असर भारत के घरों में यह पड़ने वाला है। जल्द ही सब्जियों में लगने वाला तड़का महंगा हो जाएगा। यूक्रेन संकट (Ukraine conflict) के चलते भारत में रसोई का बजट बढ़ सकता है।

दरअसल, यूक्रेन संकट से घरेलू बाजार में सूरजमुखी ऑयल (Sunflower Oil) की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका है। इससे सूरजमुखी के तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, सरकार का मानना है कि सूरजमुखी के तेल की कीमतें बढ़ने पर लोग अन्य खाद्य तेलों (Edible Oils) का रुख करेंगे, जिससे घरों का बजट नहीं बिगड़ेगा। दूसरी तरफ सरसों के तेल की बात करें, इस बार सरसों की बंपर पैदावर हुई है, इसलिए सरसों तेल (Mustard Oil) की कीमत में बढ़ोत्तरी के आसार नहीं हैं।

35 लाख टन सूरजमुखी तेल का उपयोग करता है भारत
भारत में कई सारे ऐसे लोग हैं, जो खाने में सूरजमुखी के तेल का उपयोग करते हैं। भारत करीब 35 लाख टन सूरजमुखी के तेल का उपयोग करता है। यह देश में कुल खाद्य तेल खपत का 20 फीसद है। आपको बता दें कि दुनिया में यूक्रेन सूरजमुखी के तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है। विश्व में 70 फीसद सूरजमुखी का तेल यूक्रेन निर्यात करता है। इसके अलावा 20 फीसद रूस और 10 फीसद अर्जेंटीना से आता है। इस तरह करीब 90 फीसद सूरजमुखी का तेल रूस और यूक्रेन निर्यात करता है, जहां इस समय हालात ठीक नहीं हैं।

45 से 55 दिन का स्टॉक रखती हैं कंपनियां
अडानी विल्मर के एमडी और सीईओ अंगशु मालिक ने कहा, ‘आमतौर पर एक विनिर्माता करीब 45 से 55 दिनों का सरप्लस स्टॉक रखता है। रूस और यूक्रेन से माल आना पिछले चार दिनों से कम हो गया था। आज यह रुक गया है। अडानी विल्मर ने रूस-यूक्रेन संकट के शुरुआती संकेत मिलने पर ही स्टॉक करना शुरू कर दिया था। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है, तो कंपनियां सूरजमुखी के तेल के लिए अर्जेंटीना और रूस (अगर यहां कोई दिक्कत नहीं हुई) की ओर देखेंगी।’

जानिए यूक्रेन से कितना माल आयात करता है भारत
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से दिसंबर के दौरान भारत का 65 फीसद सूरजमुखी के बीज का आयात, जो करीब 2 अरब डॉलर का है, यूक्रेन से था। उत्पाद श्रेणी में भारत के कुल आयात में यूक्रेन की एनिमल व वेजिटेबल वसा और तेल की हिस्सेदारी करीब 10 फीसद है।

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