भारत में इस तरह के एक्सचेंज की जरूरत पर जोर बीते साल गोल्ड मोनेटाइजेशन और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी करने के बाद दिया गया है, इनका प्रमुख उद्देश्य देश के सोने के भंडार को एक जगह एकत्रित करना था
नई दिल्ली । द वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) अगले 12 से 18 महीने के भीतर भारत के पहले स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना करने में मदद करने के लिए जल्द ही एक समिति बनाने की योजना बना रहा है।
उद्योग संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। फिजिकल गोल्ड के लिए एक डेडिकेटेड एक्सचेंज होने से उस बाजार में पारदर्शिता लाने के अलावा जहां बड़े लेन देन की संभावनाएं हैं, भारत में सोने के मानक मूल्य निर्धारण की शुरुआत होगी।
डब्ल्यूजीसी में भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने बताया, “हम समिति के गठन का नेतृत्व करेंगे, जिसमें सभी हितधारक (स्टेकहोल्डर्स) शामिल होंगे।”
देश में एक स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की जरूरत पर प्रकाश डालने वाली डब्ल्यूजीसी रिपोर्ट को जारी करते हुए उन्होंने बताया कि समिति जिसके दिसंबर तिमाही में गठित होने की संभावना है, वो एक्सचेंज का गठन नहीं करेगी, बल्कि वह इसकी स्थापना में एक मार्गदर्शक का काम करेगी।
साल 2015 में ही भारत सरकार ने एक राष्ट्रीय गोल्ड एकसचेंज का प्रस्ताव सामने रखा था। भारत में इस तरह के एक्सचेंज की जरूरत पर जोर बीते साल गोल्ड मोनेटाइजेशन और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम जारी करने के बाद दिया गया है। इनका प्रमुख उद्देश्य देश के सोने के भंडार को एक जगह एकत्रित करना था।
ऐसा इसलिए ताकि देश में सोने के आयात को कम किया जा सके, जो कि व्यापार घाटे पर असर डालता है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) वर्तमान में भारत में सोने के वायदा अनुबंध को पेश करते हैं, लेकिन गोल्ड के फिजिकल ट्रेड के लिए अब तक कोई मंच नहीं है।